हैन्स क्रिश्चियन ओर्स्टेड
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हैन्स ख्रिस्ट्यैन अर्स्टेद | |
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जन्म |
14 अगस्त 1777 |
मृत्यु |
9 मार्च 1851 (आयु 73) कोपनहेगन |
शिक्षा | कोपनहेगन विश्वविद्यालय |
प्रसिद्धि | विद्युच्चुम्बकत्व और अलुमिनियम की खोज |
हैन्स ख्रिस्ट्यैन अर्स्टेद (डेनिश: Hans Christian Ørsted) 19वीं शताब्दी के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने विद्युच्चुम्बकत्व को समझने में निर्णायक भूमिका निभाई। सन् 1820 में उन्होंने अकस्मात खोजा कि किसी धातु के तार में वैद्युतिक धारा प्रवाहित होने पर निकट स्थित दिक्सूचक विक्षेपित होता है। अपने प्रेक्षणों के आधार पर अर्स्टेद ने प्रमाणित किया कि विद्युत् तथा चुम्बकत्व परस्पर सम्बन्धित परिघटनाएँ हैं। उनके अनुसन्धान ने आगे जाकर नूतन प्रौद्योगिकियों; जैसे: रेडियो, दूरदर्शन, प्रकाशीय तन्तु, आदि का सृजन किया। उनके सम्मान में चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक अर्स्टेद रखा गया है।