सोनार
सोना (स्वर्ण) चाँदी तथा अन्य बहुमूल्य धातुओं से आभूषण आदि बनाने का कार्य करने वाले और सोने-चाँदी, बहुमूल्य रत्नों के व्यापार करने वाले तथा गहना गिरवी रखकर ब्याज पर पैसा देने वाले सोनार कहते हैं, उन्होंने आभूषण बनाना और उसका व्यापार शुरू किया।'सोनार' को सेठ, साहूकार, स्वर्णकार, सर्राफ, भामाशाह, सोनी, जौहरी, सुनार और लाला भी कहते हैं। दूसरे देशों में भी सोनार होते हैं जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। सोनार जाति में अनेक उपजातियां है और ये दूसरी उपजाति से विवाह संबंध बनाते ।
उपजातियां:-
- मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार।
- मारवाड़ी स्वर्णकार।
- कनौजिया/कान्यकुब्ज स्वर्णकार (ब्राह्मण)।
- अयोध्यावासी बनिया सुनार।
- श्रीमली स्वर्णकार (ब्राह्मण)।
- माहौर स्वर्णकार(क्षत्रिय)।
व्यवसाय
[संपादित करें]ये सोने-चाँदी के फैंसी आभूषण के निर्माता एवम् विक्रेता होते हैं। आभूषणों का निर्माण और बिक्री करना इनका पारम्परिक कार्य है। तथा यह दूसरे के पुराने सोने चांदी के जेवर की खरीदारी भी करते हैं और उनका सही मूल्य लगाकर ग्राहकों के जेवर के पैसे दे देते हैं
उपस्थिती
[संपादित करें]सोनार जातियाँ मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में पायी जाती है। भारत के अन्य क्षेत्रों में भी सोनार की उपस्थिती देखी जा सकती है।भारत के मध्य भाग मे भी सुनार बहुतायात मे है
प्रमुख व्यक्ति
[संपादित करें]- राज बब्बर, फ़िल्म अभिनेता, सांसद