समीर रायचौधुरी
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समीर रायचौधुरी' (१-११-१९३३) (সমীর রায়চৌধুরী) बांग्ला साहित्य के एक प्रमुख कवि, आलोचक, कहानीलेखक एवम दार्शनिक हैं। भुखी पीढी आन्दोलन के प्रथम मेनिफेस्टो घोषणाकारीयों में वह प्रधान थे। हवा ४९ साहित्यपत्र के वह सम्पादक रहे हैं। उन्होनें अंग्रेजि भाषा में भी कविता एवम कहानियों के संकलन सम्पाद्न किये हैं। उनके लिखे खुलजा सिमसिम कहानी संकलन को अधुनान्तिक कहा गया है।
कृतियां
[संपादित करें]- झर्णार पाशे शुये आचि (कविता)
- जानोयार (कविता)
- आमार भियेतनाम (कविता)
- मांसेर कस्तुरीकल्प (कविता)
- खुल जा सिमसिम (कहानियां)
- उत्तराधुनिकता
- उत्तर-औपनिवेशिकता
- परमाप्रकृतिवाद
- पोस्टकालोनियल बेंगलि शार्ट स्टोरिज
- पोस्टकलोनियल बेगलि पोएट्रि
सन्दर्भ
[संपादित करें]- बोध समीर रायचौधुरी संख्या (२००९)। सम्पादक: अरुणकुमार चट्टोपध्याय। रुपनरयणपुर, बर्धमान, पश्चिम बंगाल।
- कालिमाटि समीर रायचौधुरी संख्या (२०१०)। सम्पादक: काजल सेन। जमशेदपुर, झाडखण्ड।
- समीर रायचौधुरी विश्लेष्ण (२००८)। सम्पादक: अलोक गोस्वमी। गल्पविश्व पबलिशर्स, सिलिगुडि, पश्चिम बंगाल। विश्लेषकगण: रबीन्द्र गुहा, बासव दसगुप्ता, नसेर हुसैन, मुर्शिद अलि मन्डल, डक्टर नृसिंहमुरारी दे, सुजित सरकार, मौलिनाथ विश्वास, ठाकुरदास च्ट्टोपध्याय, धीमान चक्रवर्ती, पार्थ चट्टोपाध्याय, रामकृष्ण भट्टचार्जि, अशोक तांति एवम अलोक गोस्वमी।
- वन तुलसी का गन्ध (१९८४)। फणीश्वरनाथ 'रेणु'। राजकमल प्रकाशन, दिल्लि।
- इनट्रेपिड (१९६८)। सम्पादक: कार्ल वेसनार। बाफेलो, निउ यार्क, अमरिका।
- साल्टेड फेदर्स (१९६७)। सम्पादक: डिक बाकेन। पोर्टलैन्ड, ओरेगन, अमरिका।
- हंगरी, श्रुति एवम शास्त्रविरोधी आन्दोलन (१९८६)। डक्टर उत्तम दाश, महादिगन्त पबलिशर्स, कोलकाता ७०० १४४।
- सिटि लाइटस जर्नल (१९६३)। सम्पादक: लारेन्स फेरलिंघेट्टि। सन फ्रनसिसको, अमरिका।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- सुबिमल बसाक
- देबी राय
- मलय रायचौधुरी
- फालगुनि राय
- उतपलकुमार बसु
- शक्ति चट्टोपाध्याय
- सन्दीपन चट्टोपाध्याय
- अनिल करनजय
- सुभाष घोष
- बासुदेब दाशगुप्ता
- विनय मजुमदार
- भुखी पीढी (हंगरी जेनरेशन)
बाह्यसूत्र
[संपादित करें]समीर रायचौधुरी से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |