लीओपोल्ड प्रथम (बेल्जियम)
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Leopold I | |||||
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1st King of the Belgians | |||||
शासनावधि | 21 July 1831 – 10 December 1865 | ||||
उत्तरवर्ती | Leopold II | ||||
Prime Ministers | |||||
जन्म | 16 दिसम्बर 1790 Ehrenburg Palace, Coburg Saxe-Coburg-Saalfeld (modern-day Germany) | ||||
निधन | 10 दिसम्बर 1865 Laeken, Belgium | (उम्र 74 वर्ष)||||
समाधि | |||||
जीवनसंगी | Princess Charlotte of Wales (m. 1816–17; her death) Louise of Orléans (m. 1832–50; her death) | ||||
संतान | |||||
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घराना | Saxe-Coburg and Gotha | ||||
पिता | Francis, Duke of Saxe-Coburg-Saalfeld | ||||
माता | Countess Augusta Reuss of Ebersdorf | ||||
धर्म | Lutheran Protestant |
लीओपोल्ड प्रथम (१७९०-१८६५) जर्मन राजकुमार एवं बेल्जियम का राजा था। १८३० में बेल्जियम के स्वतन्त्र होने के बाद वह बेल्जियम का प्रथम राजा बना। उसने जुलाई १८३१ से लेकर दिसम्बर १८६५ तक शासन किया।
लीओपोल्ड प्रथम का जन्म १८ दिसंबर, १७९० को कोबर्ग में हुआ था। १८ वर्ष की अवस्था में रूस की सेना में प्रविष्ट होकर १८१३-१४ में नेपोलियन के विरुद्ध लड़ा। उसने इंग्लैंड के राजा जार्ज चतुर्थ की पुत्री शर्लाट से विवाह किया। १८१७ में शर्लाट की मृत्यु हो गई किंतु वह इंग्लैंड में ही रहा। इससे उसे ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली का पूरा ज्ञान हो गया। १८३० में उसे यूनान का राजा बनाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे उसने अस्वीकार कर दिया।
वियना सम्मेलन में (१८१५) हॉलैंड और बेल्जियम को मिलाकर हॉलैंड के राजा के अधीन एक देश बना दिया गया परंतु यह प्रबंध सफल न हो सका क्योंकि दोनों देशों की संस्कृतियाँ भिन्न-भिन्न थीं। हॉलैंड के निवासी प्रोटेस्टेंट और व्यापारी, वेल्जियम के निवासी कैथलिक और किसान थे। १८३० में बेल्जियम निवासियों ने विद्रोह किया। १८३१ ई. में यूरोपीय शक्तियों ने बेल्जियम को स्वतंत्र राज्य घोषित किया और लीओपोल्ड को वहाँ का शासक चुना। थोड़े दिन पश्चात् उसने फ्रांस के राजा लुई फ़िलिप की पुत्री से विवाह किया। इससे फ्रांस उसका सहायक हो गया। वह बेल्जियम का संवैधानिक शासक बना; देश की शासनसत्ता जनता के प्रति उत्तरदायी मंत्रिमंडल के हाथ में रही। १८४८ में जब यूरोप के सभी देशों में क्रांतियाँ हुई, लीओपोल्ड की बुद्धिमत्ता के कारण बेल्जियम में कोई गड़बड़ न हुई।
लीओपोल्ड उदार विचारों का योग्य और बुद्धिमान व्यक्ति था। उसी के प्रयत्न से बेल्जियम का समझौता संभव हुआ क्योंकि हॉलैंड और फ्रांस दोनों ही बेल्जियम की स्वतंत्रता में बाधक थे। उसके राज्यकाल में बेल्जियम में कला, विज्ञान और शिक्षा की पर्याप्त उन्नति हुई। उसकी मृत्यु १० दिसंबर, १८६५ को हुई।