सामग्री पर जाएँ

निद्रा लकवा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

निंद्रा लकवा/पक्षाघात (अंग्रेज़ी: sleep paralysis) एक परिघटना है जिसमें व्यक्ति निंद्रा में पड़ते समय या निंद्रा से निकलते समय कुछ समय के लिए हिलने, बोलने या कोई भी प्रतिक्रिया करने में असमर्थता महसूस करता है। कई सभ्यताओ में लोग इसे भूत पिसाच से जोड़कर देखते है और कोई प्रतिक्रिया करने में असमर्थता के कारण भयभीत हो जाते हैं। इस परिघटना की अबधि कुछ मिनट तक कि हो सकती है। यह एक बार या लगातार हो सकता है।यह समस्या आम है और अधिकांश तौर पर किसी गम्भीर समस्या की सूचक नहीं है। नींद वाला लकवा अक्सर उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें बहुत ज़्यादा नींद आने का रोग (नार्कोलेप्सी) या सोते समय सांस रुक जाने का रोग (स्लीप एप्निया) होता है, लेकिन यह समस्या किसी को भी हो सकती है.[श्रेणी:मनोविज्ञान]]

सन्दर्भ स्लीप पैरालाइसिस __ यह तब होता है जब हम आधे अधूरे नींद लेते है।। अक्सर अनियमित जीवनशैली , किसी भी समय सो जाना किसी भी समय उठ जाना इत्यादि से होता है।। यह एक डरावना पल होता है। जिसमे व्यक्ति के सामने घना अंधेरा छा जाता है।व्यक्ति कुछ बोल नहीं पत है। इससे बचने के लिए सोते समय एवम् उठते समय भगवान को याद करे।। नियमित समय पर सोने जाए। Thank you

[संपादित करें]