तिब्बती साम्राज्य
७वीं से ९वीं सदी ईसवी तक चलने वाला एक साम्राज्य
तिब्बती साम्राज्य (तिब्बती: བོད་, बोड) ७वीं से ९वीं सदी ईसवी तक चलने वाला एक साम्राज था। तिब्बत-नरेश द्वारा शासित यह साम्राज्य तिब्बत के पठार से कहीं अधिक विस्तृत क्षेत्रों पर फैला हुआ था। अपने चरम पर पश्चिम में आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान, उज़बेकिस्तान, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से लेकर बंगाल और युन्नान प्रान्त के कई भाग इसके अधीन थे।[1] इस साम्राज्य की नीव ६१८ ईसवी में सोंगत्सेन गम्पो ने रखी थी और साम्राज्य ने तेज़ी से झ़ंगझ़ुंग, तुयुहुन राज्य और कई अन्य राज्यों को विजय कर लिया।[2][3] लंगदरमा को इसका अंतिम सम्राट माना जाता है क्योंकि ८४१ ईसवी में उनकी हत्या होने के बाद साम्राज्य गृह युद्धों की चपेट में आकर खंडीत हो गया हालांकि तिब्बती राजाओं का सिलसिला इसके बाद भी जारी रहा।[4][5]
तिब्बती साम्राज्य बोड (བོད་) | |||||
| |||||
अपने चरम पर तिब्बती साम्राज्य (जामुनी रंग में, ७८०-७९० ईसवी काल में)
| |||||
राजधानी | ल्हासा, फो ब्रंग (ख़ानाबदोशी खेमे में दरबार) | ||||
भाषाएँ | तिब्बती भाषा | ||||
धार्मिक समूह | तिब्बती बौद्ध धर्म, बोन धर्म | ||||
शासन | पूर्ण राजशाही | ||||
ऐतिहासिक युग | मध्यकाल | ||||
- | सम्राट सोंगत्सेन गम्पो द्वारा स्थापित् | ६१८ | |||
- | लंगदरमा का देहांत | ८४१ | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | भारत अफ़्गानिस्तान बांग्लादेश भूटान म्यान्मार चीन नेपाल पाकिस्तान कज़ाख़िस्तान किर्गिज़स्तान ताजिकिस्तान | ||||
Warning: Value specified for "continent" does not comply |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Opening the Hidden Land: State Formation and the Construction of Sikkimese History, Saul Mullard, pp. 77, BRILL, 2011, ISBN 9789004208957, ... In addition during the period of the Tibetan empire parts of Nepal were incorporated and Imperial Tibet received Tribute from Harsha the Pala king of Bengal in 755 (Stein 1972: 60) ...
- ↑ Beyond the Great Wall: Urban Form and Transformation on the Chinese Frontiers, Piper Rae Gaubatz, pp. 39, Stanford University Press, 1996, ISBN 9780804723992, ... His son, Songsten Gampo, established Tibet as an empire and powerful military state during his rule from 627 to 650. He also moved the capital of Tibet to Lhasa, where it has remained ever since ...
- ↑ Tibet, Patricia Levy, Don Bosco, pp. 20, Marshall Cavendish, 2006, ISBN 9780761420767, ... By 648, Songsten had invaded northern India and was continuing to expand his empire, threatening China's western border. Rather than oppose him, his neighbors chose to form alliances through marriage ...
- ↑ Tibet, Patricia Levy, Don Bosco, pp. 23, Marshall Cavendish, 2006, ISBN 9780761420767, ... After six years of persecution, a Buddhist monk in hiding traveled to Lhasa in disguise and shot Langdarma in the heart with an arrow. The monk escaped, but his action brought about the eventual collapse of the Tibetan empire ...
- ↑ Buddhism in Contemporary Tibet: Religious Revival and Cultural Identity, pp. 54, University of California Press, 1998, ISBN 9780520211315, ... The great Tibetan empire (seventh to ninth century), which created Buddhism as a national religion, began to disintegrate in the mid-ninth century when the emperor Langdarma (817-42) instituted a persecution of institutional Buddhism ...