Class 9 - Subject Specific Worksheets - Hindi Medium
Class 9 - Subject Specific Worksheets - Hindi Medium
Class 9 - Subject Specific Worksheets - Hindi Medium
Read the passage given below and answer the questions that follow:
India’s society, culture, history and politics have continuously been shaped by the multiplicity of her languages. So,
how many languages are spoken in IndiaIndia?? The country is home to speakers of about 461 languages. Of these, 447
languages are actively usedd in daily communicati
communication and 14 are extinct. Among these, 121 languages have more than
10,000 speakers and 22 of these are officially recognized in the Ind Indian
ian Constitution. These include Assamese,
Bengali, Bodo, Dogri, Gujarati, Hindi, Kannada, Kashmiri, Konkani, Malayalam, Manipuri, Marathi, Maithili,
Nepali, Odia, Punjabi, Sanskrit, Santali, Sindhi, Tamil, Telugu and Urdu. These are referred to as the ‘sc ‘scheduled
languages’ and according to the nationwide census conducted in 2011, 96.7 percent of Indians speak any one of these
languages as their mother tongue.
Of the scheduled languages, Hindi is recognized as the national official language; English is used at the national level
as a subsidiary official language. Post-independence,
independence, several of India’s states followed the linguistic line, making the
language spoken by most number of people its official communication tool: Marathi in Maharashtra, Bangla in West
Bengal, Kannada in Karnataka and so on. Thus, unlike many monolingual countries that have a single official
language, there is no single ‘Indian’ language
language.
Source- https://irandaily.ir/News/279895.html
मैं समझता हूँ। तुम्हारी अँगुली का इशारा र्ी समझता हूँ और यह व्यंग्य-मुसकाि र्ी समझता हूँ। तुम मुझ पर या हम सर्ी
पर हँस रहे हो, उि पर जो अँगुली निपाए और तलुआ निसाए िल रहे हैं, उि पर जो टीले को बरकाकर बाजू से निकल रहे हैं।
तुम कह रहे हो-मैंिे तो ठोकर मार-मार कर जूता फाड़ अँगुली बाहर निकल आई, पर पाँि बिा रहा और मैं िलता रहा, मगर
तुम अँगुली को ढाँकिे की चिंता में तलुिे का िाश कर रहे हो। तुम िलोगे कैसे ?
मैं समझता हूँ। मैं तुम्हारे फटे जूते की बात समझता हूँ, अँगुली का इशारा समझता हूँ, तुम्हारी व्यंग्य-मुसकाि समझता हूँ।
प्रश्ि4) मैं समझता हूँ। तुम्हारी अँगुली का इशारा र्ी समझता हूँ। इस िाक्य में मैं कौि है ?
(क) प्रेमिंद
(ख) व्यंग्य मुस्काि िाले लोग
(ग) लेखक
(ि) कुम्र्िदास
प्रश्ि5) ऐसे मुहािरे मलखखए जजिमें जूते शब्द का प्रयोग हुआ हो। उि मुहािरों से िाक्य र्ी बिाइए।
आइए ब च बेलन के आयतन क बेहतर समझ बनाते हुए कुछ उदाहरण हल कर-
अब आप यास क िजए
न 1: एक सो ट क
ं दो कार के पैक म उपल ध है:-(i) लंबाई 5 cm और चौड़ाई 4 cm वाले एक आयताकार आधार का
टन का ड बा िजसक ऊँचाई 15 cm है (घनाभ) और (ii) यास 7 cm वाले व ृ ीय आधार और 10 cm ऊँचाई वाला एक लाि टक
का बेलनाकार ड बा (बेलन)। कस ड बे क धा रता अ धक है और कतनी अ धक है ?
न 2: लकड़ी के एक बेलनाकार पाइप का आंत रक यास 24 cm है और बाहर यास 28 cm है। इस पाइप क लंबाई 35cm
है । इस पाइप का आयतन ात क िजए।
को वड के स दभ म उ चत यवहार संबंधी (CAB) संदेश :
नय मत प से अपने हाथ को साबन
ु और पानी से धोएँ l
मशक्षा निदे शालय, राष्ट्रीय राजधािी क्षेत्र, ददल्ली
विषय : विज्ञान काययपत्रक : 79 तिथि: 31/01/2022
कक्षा : IX विद्यािी का नाम __________________ कक्षाध्यापक का नाम __________________
ज्ञान , हम िानिे हैं कक हम अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को विशिन्न िरीकों िे मिबूि बना िकिे है I
यदद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मिबूि होगी, िो हमे कोई रोग होनी की िम्िािना िी कम होगीI
रोग तनिारण के दि
ू रे शिद््ाांि के अनुिार विशिष्ट घािक रोगों के विरुद्् प्रतिरक्षा प्रणाली को
मिबूि बनाया िािा है I िैिे पोशलयो , हे पेटाइदटि इत्यादद
हिारे देश िें चुनाव एक स्वतंत्र और बहुत चुनाव िें लोगों की भागीदारी को आितौर पर ितदान के आंकडों से िापा जाता है। ितदान भारत के चुनावों के पररणाि खुद के
शमिशाली चुनाव आयोग द्वारा कराए जाते हैं। उसे मलए बोलते हैं:सत्तारूढ़ दल मनयमित
उन ितदाताओ ं के प्रमतशत को दशाणता है मजन्होंने वास्तव िें अपना वोर्ट डाला। भारत िें
उसी तरह की स्वतंत्रता प्राप्त है जो न्यायपामलका को रूप से भारत िें राष्रीय और राज्य
प्राप्त है। िुख्य चुनाव आयुि की मनयुमि भारत के ितदान या तो मस्िर रहा है या वास्तव िें बढ़ गया है। दोनों स्तरों पर चुनाव हारते हैं। भारत
राष्रपमत द्वारा की जाती है। चुनाव की घोषणा से िें लगभग आिे िौजूदा सांसद या
लेकर पररणािों की घोषणा तक चुनाव के संचालन भारत िें गरीब, अनपढ़ और वंमचत लोग अिीर और मवशेषामिकार प्राप्त वगों की तुलना िें मविायक चुनाव हार जाते हैं। बहुत
और मनयत्रं ण के हर पहलू पर चनु ाव आयोग मनणणय कि मववामदत चनु ावों को छोडकर,
लेता है। यह आचार संमहता को लागू करता है और बडे अनुपात िें ितदान करते हैं। यह पमििी लोकतंत्रों के मवपरीत है। चुनावी पररणािों को आितौर पर
इसका उल्लघं न करने वाले मकसी भी उम्िीदवार या भारत िें आि लोग चुनावों को बहुत िहत्व देते हैं। उन्हें लगता है मक चुनावों के िाध्यि से परामजत पार्टी द्वारा 'जनता के फै सले'
पार्टी को दंमडत करता है। के रूप िें स्वीकार मकया जाता है।
वे राजनीमतक दलों पर अपने अनुकूल नीमतयों और कायणििों को अपनाने का दबाव बना
सकते हैं। चुनावी गमतमवमियों िें ितदाताओ ं की मदलचस्पी मपछले कुछ वषों िें बढ़ रही है।
चि
ु ाव में अत्यधिक
बड़ी पाटिि यों की तुलिा िि का प्रयोग आपराधिक पष्ृ ठभमू म
में छोिे दलों और वाले उम्मीदवार चिु ाव
निदिलीय उम्मीदवारों लड़ते हैं।
को कई समस्याओं का स्वतंत्र और
सामिा करिा पड़ता है निष्पक्ष चुिाव
की चि ु ौनतयााँ ढं ग के ववकल्प
की कमी
टिकि बांििे के
मलए संबंि वरीयता
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प्रश्न 2. आप क्यों सोचते हैं मक लोगों को चुनाव प्रमिया िें समिय भाग लेना चामहए?
प्रश्न4. आपने चुनाव िें भ्रष्टाचार से संबंमित सिाचारों के बारे िें सुना होगा जैसे ितदाता सूची िें झठू े नाि शामिल करना, शासक दल द्वारा सरकारी सुमविाओ ं और अमिकाररयों का दरुु पयोग,
िन का अत्यमिक उपयोग और ितदाताओ ं को डराना और ितदान के मदन िांिली करना। उन्हें ठीक करने के कुछ तरीको का सुझाव दें।
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Imagine you are Bruno,the Bear from Bond of Love story. You have been sent to the zoo away from your home
where you were taken care of. You are now alone and in a cage. Write a diary entry expressing what you are
feeling.
Dear Diary
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प्यारे बच्चो! इन काययपत्रकों के माध्यम से अब तक आप की पाठ्यपुस्तक क्षिततज िाग 1 के पाठों पर चचाय की जा रही थी। आइए
आज के काययपत्रक मे कृततका के पाठ ‘मेरे सांग की औरतें ' पर चचाय करते हैं जजसकी लेखिका ‘मद
ृ ल
ु ा गगय' जी हैं।
लीक से खखसके, अपिे पूिभजों में, माँ और िािी ही रही होती तो गिीमत रहती, पर अपिी एक परदादी र्ी थीं, जजन्हें कतार से
बाहर िलिे का शौक था। उन्होंिे व्रत ले रखा था कक अगर खुदा के फ़ज़ल' से, उिके पास कर्ी दो से ज्यादा धोनतयाँ हो जाएँगी
तो िे तीसरी दाि कर दें गी। जैि समाज में अपररग्रह की सिक बबरादरी बाहर हरकत िहीं जाती, इसमलए िहाँ तो ठीक था। पर
उिका असली जलिा तब दे खिे को ममला, जब मेरी माँ पहली बार गर्भिती हुईं। मेरी परदादी िे मंददर में जाकर मन्ित माँगी
कक उिकी पतोहू का पहला बच्िा लड़की हो। यह गैर-रिायती मन्ित माँगकर ही उन्हें िैि िहीं पड़ा। उसे र्गिाि और अपिे
बीि पोशीदा रखिे के बजाए सरे आम उसका ऐलाि कर ददया। लोगों के मुँह खुले-के-खुले रह गए। उिके कफ़तूर की कोई िाजजब
िजह ढूँढ़े ि ममली। यह र्ी िहीं कह सकते थे कक खािदाि में पुश्तों से कन्या पैदा िहीं हुई थी, इसमलए माँ जी बेिारी
कन्यादाि के पुण्य के अर्ाि को पूर ा करिे के िक्कर में थीं। क्योंकक वपता जी की ही िहीं, दादा जी की र्ी बहिें मौजूद थीं।
हाँ, पहला. बच्िा हर बहू का बेटा होता रहा था। खैर, माँ जी िे अपिी तरफ़ से कोई सफ़ाई िहीं दी, बजल्क बदस्तूर मंददर जाकर
मन्ित दह ु राती रहीं। परू ा िकुड़ गाँि जािता था कक माँ जी का र्गिाि के साथ सीधा-सीधा तार जड़
ु ा हुआ है। बेतार का तार।
इधर िह तार खींिती, उधर टि से तथास्तु बजता। मेरी दादी तो पहली मतभबा में ही तैयार गई थी कक गोद में खेलेगी, तो पोती।
पर माँ जी की आरजू ककस कदर रं ग लाएगी, उसका उन्हें र्ी गुमाि ि रहा होगा। लड़की की गैर-िाजजब जुस्तजू सुि, र्गिाि
कुछ ऐसी अफ़रा-तफ़री में आ गए कक एक ि दो, पूरी पाँि कन्याएँ, एक-के-बाद-एक धरती पर उतार दी। र्गिाि को क्या कहें ,
माँ जी के सामिे तो िामी िोर र्ी अफ़रा-तफ़री में आ जाते थे। माँ जी और िामी िोर का ककस्सा होश सँर्ालिे के बाद मैंिे
कई बार सि
ु ा था, िोर के दीदार की खुशिसीबी र्ी हाथ आई थी।
हुआ यूँ था कक ककसी शादी के मसलमसले में िकुड़ की हिेली के तमाम मदभ बारात में दस
ू रे गाँि गए हुए थे। औरतें सज-धज कर
रतजगा मिा रही थीं। िाि-गािे और ढोलक की थाप के शोर में िामी िोर कब सेंध लगाकर हिेली में घस ु ा, ककसी को खबर ि
हुई। पर िोर था बदककस्मत, जजस कमरे में घुसा, उसमें माँ जी सोई हुई थीं। औरतों के शोर से बििे को, िे अपिा कमरा छोड़
दस
ू रे में जा सोई थीं। िोर बेिारा, तमाम जुगराकफ़या ददमाग में बबठलाकर उतरा था, उसे क्या पता था कक इतिी बड़ी-बूढ़ी
परु खखि जगह बदल लेगी। खैर, बढ़
ु ापे की िींद ठहरी, िोर के दबे पाँिों की आहट से ही खल
ु गई।
आशा है आपिे इस गद्यांश को पढ़ ि समझ समझ मलया होगा। आइए इसी गद्यांश पर आधाररत कुछ प्रश्िों के उत्तर खोजते और मलखते
हैं-
1. ‘परदादी के कतार से बाहर चलने से' लेखिका का क्या अभिप्राय है?
2. लेखिका के गाांव का नाम क्या था?
3. लेखिका की परदादी ने अपनी पतोहू का पहला बच्चा लड़की होने की मन्नत क्यों माांगी होगी?
4. कहानी के आधार पर बताइए कक ‘रतजगा’ काययक्रम कब मनाया जाता है?
5. पहला बच्चा लड़की होने की मन्नत को गैर-रवायती क्यों कहा गया?
यौथगकों का तनमायण भभन्न ित्िों के आपस में केिल रासायतनक अभभकिया(संयोजन) करने से होिा
है| इन अभभकियाओं के कुछ तनस्चचि भसद्धांि होिे हैं स्जन्हे हम रासायनिक संयोजि के नियम
कहिे हैं| रासायनिक संयोजि के तनयम:
द्रव्यमाि संरक्षण का नियम:- ककसी ❖ ककसी भी रासायतनक अभभकिया में उत्पादों के द्रव्यमान(mass) का
रासायतनक अभभकिया में द्रव्यमान का कुल योग हमेशा अभभकारकों के कुल द्रव्यमान के बराबर होिा है |
तनमायण(सज
ृ न) अििा विनाश संभि िहीं A + B C + D
है | (4g) (10g) (2.5g) (11.5g)
(अभभकारकों का द्रव्यमान)14g = (उत्पादों का द्रव्यमान)14g
स्थथर अिुपात का नियम:- ➢ यौथगकों का तनमायण करने िाले ित्ि सदै ि स्थिर अनप
ु ाि मे ही
ककसी भी रासायतनक अभभकिया में बने अभभकिया करें गे चाहे िह ककसी भी थिान पर हों या यौथगक ककसी
यौथगक में ित्ि हमेशा एक तनस्चचि भी पद्धति से बनाए गए हों|
द्रव्यमानों के अनुपाि में विद्धमान ➢ एक रासायतनक पदािय (यौथगक) में उसे बनाने िाले ित्ि,सदै ि अपने
होिे हैं/ द्रव्यमानों के एक तनस्चचि/स्थिर अनुपाि मे उपस्थिि होिे हैं|”
उदाहरण:- यौथगक जल (H2O) का तनमायण करने के भलए हाइड्रोजन ििा ऑक्सीजन के ित्ि अपने द्रव्यमानों के स्थिर
अनुपाि िमशः 1:8 मे ही अभभकिया करिे हैं| जैसे 1g हाइड्रोजन से जल बनाने के भलए हमें 8g आस्क्सजन की और
2 g हाइड्रोजन से जल बनाने के भलए केिल 16g आस्क्सजन की आिचयकिा पड़ेगी चाहे ऑक्सीजन की उपस्थिि
मात्रा ककिनी भी होI िैसे ही यौथगक, काबयन डाइऑक्साइड(CO2) में काबयन और आस्क्सजन के द्रव्यमानों का अनुपाि
िमशः 3:8 होिा है , और अमोतनया(NH3)में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के द्रव्यमानों का अनुपाि िमशः 14:3 होिा है I
थवयं को जााँचिए:-
1. रासायतनक संयोजन के दो तनयम बिाइये |
2. क्या दो विभभन्न थिानों से भलए गए शद्
ु ध जल की रासायतनक संरचना मे कोई भभन्निा हो सकिी है ?समझाइएI
3. यदद 3g काबयन को 8g आस्क्सजन में जलाने(अभभकिया) पर 11g काबयनडाइआक्साइड(CO2)बनिी है िो 24g
काबयन को 64g आस्क्सजन मे जलाने पर ककिनी काबयनडाइआक्साइड बनेगी? आपका उिर रासायतनक संयोजन के
कौन से तनयम के आधार पर है ?
4. जल का तनमायण ककन-ककन ित्िों से होिा है ?
Directorate of Education, GNCT of Delhi
Subject: Social Science (History Ch-3) Worksheet:77 Date: 01/02/2022
Class: IX Name of Student……………………… Name of Class Teacher…...……………..
Nazism and the Rise of Hitler-2
थम व व यु ध के बाद जमनी-
यु ध का हजाना वाइमर गणरा य पर थोपने से जमनी के लोग म पराजय का अपराधबोध था। रा य अपमान के साथ हजाना
चुकाने क वजह से आ थक तर पर भी वह अपंग हो चुका था। वाइमर गणरा य के हमाय तय को ‘नवंबर के अपराधी’ कहकर
उनका खल
ु ेआम मज़ाक उड़ाया गया। इस मनोदशा का तीस के दशक के शु आती राजनी तक घटना म पर गहरा असर पड़ा।
अब समाज म सपा हय को आम नाग रक के मक
ु ाबले यादा स मान दया जाने लगा। राजनेता और चारक इस बात पर ज़ोर
दे ने लगे क पु ष को आ ामक, ताकतवर और मदाना गुण वाला होना चा हए। सावज नक जीवन म आ ामक फ़ौजी चार और
रा य स मान व त ठा के सामने बाक सार चीज़ कम मह व क हो ग ।
नये राजनी तक वचार का उदय -
जमनी म भी सी ां त से
े रत होकर बहुत सारे शहर म मज़दरू और ना वक क सो वयत बनाई ग । समाजवा दय , डेमो ै स
और कैथ लक गट
ु ने वाइमर म राजनी तक प रवतन के लए यास कये।
पाट क ट ने जमनी म क यु न ट पाट क नींव डाल । इसके बाद क यु न ट (सा यवाद ) और समाजवाद एक-दस
ू रे के क टर
द ु मन हो गए और हटलर के खलाफ कभी भी साझा मोचा नह ं खोल सके। ां तकार और उ रा वाद दोन ह खेमे रै डकल
समाधान के लए आवाज उठाने लगे।
आ थक संकट -
जमनी ने पहला व वयु ध मोटे तौर पर कज़ लेकर लड़ा था। और यु ध के बाद तो उसे वण मु ा म हजाना भी भरना पड़ा। इस
दोहरे बोझ से जमनी के वण भंडार लगभग समा त होने क ि थ त म पहुँच गए थे। आ खरकार 1923 म जमनी ने कज़ और
हजाना चुकाने से इनकार कर दया। जमन सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर मु ा छाप द क उसक मु ा माक का मू य तेजी से
गरने लगा। दसंबर 1923 तक एक डॉलर म खरब माक मलने लगे। जैसे- जैसे माक क क मत गरती गई, ज र
चीज़ क क मत आसमान छूने लगीं। इस संकट को बाद म अ त-मु ा फ त का नाम दया गया। जब क मत बे हसाब बढ़ जाती ह
तो उस ि थ त को अ त-मु ा फ त का नाम दया जाता है ।
जमनी को इस संकट से नकालने के लए अमे रक सरकार ने ह त प
े कया। इसके लए अमे रका ने डॉ स योजना बनाई। इस
योजना म जमनी के आ थक संकट को दरू करने के लए हजाने क शत को दोबारा तय कया गया।
जमनी म आ थक सध
ु ार अमे रका से लए गए कज पर आ त था। जब 1929 म अमर का म वॉल ट ए सचज (शेयर बाज़ार)
धराशायी हो गया तो जमनी को मल रह यह मदद भी रात -रात बंद हो गई। 1929 से 1932 क इस मंद का सबसे बुरा भाव
जमन अथ यव था पर पड़ा। बेरोज़गार , अपराध, चार तरफ़ गहर हताशा का माहौल था। लोकतां क संसद य यव था म लोग का
व वास ख म होने लगा य क वह उनके लए कोई समाधान नह ं खोज पा रह थी। पूरे दे श म राजनी तक अि थरता और
नेत ृ वह नता का माहौल हो गया।
Sue approaches Behrman for help, an old painter who lives on the ground floor in the same building.
He has a dream that one day he would paint a masterpiece. But he has had no success so far. Sue
tells Behrman about Johnsy’s strange fancy. Both he and Sue go to Johnsy’s room. Johnsy is
sleeping. They see that the ivy creeper has only one leaf left on it. It is raining. It seems that the last
leaf can fall any time. Johnsy wakes up from her sleep. She looks out of the window. She looks at the
last leaf. She asks Sue to look at it. It is green and healthy. Johnsy looks at the leaf every hour. But it
doesn’t fall even in the stormy evening. This revives a will to live in Johnsy and she apologizes to Sue
for not cooperating.
Next morning Sue tells Johnsy about Behrman. Behrman was ill for only two days. The guard finds
him on his bed and his clothes and shoes wet. He was shivering in the stormy night. He had caught
pneumonia and died. Johnsy asks Sue why the leaf did not flutter. She tells her that the last leaf was
Behrman’s masterpiece. He painted it the night the last leaf fell.
प्यारे बच्चो! इन िायकपत्रिों िे माध्यम से अब ति आप िी पाठ्यपुस्ति क्षिततज भाग 1 िे पाठों पर चचाक िी जा रही थी। आइए
आज िे िायकपत्रि मे िृततिा िे पाठ ‘मेरे सांग िी औरतें ' पर चचाक िरते हैं जजसिी िेखििा ‘मद
ृ ि
ु ा गगक' जी हैं।
आशा है आपिे इस गद्यांश को पढ़ ि समझ समझ मलया होगा। आइए इसी गद्यांश पर आधाररत कुछ प्रश्िों के उत्तर खोजते और मलखते
हैं-
1. चोर किसिे िमरे में घस
ु ा था?
2. तिक िे साथ बताइए कि क्या माां जी ने चोर िो पहचान लिया था?
3. चोर ने माां जी िी बात क्यों मानी?
4. माां जी िे बातों िा चोर पर क्या प्रभाव पडा?
5. िेखििा पर उसिी माां और नानी िा क्या प्रभाव पडा?
गततववधि:- आप अपने पररवार िी महहिा सदस्यों से किस प्रिार प्रभाववत हैं? सोधचए और
सदस्यवार बातें लिखिए।
यान द िजए, य द एक शंकु और बेलन क आधार या और ऊंचाई बराबर हो तो शंकु का आयतन बेलन के आयतन का एक
तहाई होता है ।
आइए ब च शंकु के आयतन क बेहतर समझ बनाते हुए कुछ उदाहरण हल कर-
उदाहरण 1: एक लंब व ृ ीय शंकु का आयतन ात क िजए, उदाहरण 2: एक शंकु क ऊंचाई 15 cm है। य द इसका आयतन
1570 cm3 है , तो इसके आधार क या ात क िजए। (π = 3.14
िजसक या 6 cm और ऊंचाई 7 cm है ।
योग क िजए।)
हल: शंकु के आधार क या (r) = 6 cm,
हल: शंकु का आयतन (V) = 1570 cm3, ऊंचाई (h) = 15 cm
ऊंचाई (h) = 7 cm
माना शंकु के आधार क या = r cm
शंकु का आयतन = ⅓πr2h 2
शंकु का आयतन = ⅓πr h
=⅓ × × 6 × 6 × 7 = 264 cm3
1570 = × 3.14 × r2 × 15
1
3
अतः लंब व ृ ीय शंकु का आयतन 264 cm है । 3
r2 = 100 ⇒ r = 10 cm
यदि हम ककस पिािय को विभाजजि या टुकडो मे िोडिे जाएँ िो हमे एक कण प्राप्ि होिा
है इनहीीं कणों से पिािय का तनमायण होिा हैंI Iइन कणों को िैज्ञातनक िौर पर अणु कहिे हैं
जो सभ पिािों की मल
ू भि
ू इकाई भ कहलाि है I इन अणओ
ु ीं का तनमायण और भ
अविभाज्य सूक्ष्मिम कणों से होिा है I जजनहे परमाणु कहिें हैंI जजनहें और विभाजजि नहीीं
परमाणु हमारी सोच से कहीीं ज्यािा छोटे होिे हैंI एक कागज की मोटाई में ही कई लाख
परमाणु हैं। परमाणओ
ु ीं का आकर nm (नैनोम टर) में नापा जािा है I
स्ियीं को जाींथचए I
1. पिािय को पररभावषि कीजजए? पिािय की मल
ू भूि इकाई ककसे कहिे हैं? उिहारण सदहि समझाइए I
2 ररक्ि स्िान भरो -
i. परमाणओ
ु ीं के आकार को ________में नापा जािा है।
ii. nm (नैनोम टर)=_________म टर
iii. जल का अणु =______म टर =________नैनोम टर
iv. हाइड्रोजन का परमाणु =_________नैनोम टर =______म टर
3. ककनहीीं ि न परमाणुओीं के नाम और िो अणुओीं के नाम भलखखए?
श ा नदे शालय, रा य राजधानी े , द ल
वषय : सामािजक व ान(इ तहास पाठ- 3) कायप क : 78 त थ: 02/02/2022
क ा : IX व याथ का नाम ……………………… क ा यापक का नाम …...……………..
नाज़ीवाद और हटलर का उदय-3
हटलर का उदय – हटलर जमन सेना म सपाह था। थम व व यु ध म जमनी क पराजय और वसाय क सं ध ने उसे दख
ु ी और
आग-बबूला कर दया। 1919 म उसने जमन वकस पाट क सद यता ल , िजसे बाद म नेशनल सोश ल ट पाट का नया नाम
दया। इसी को ना सी पाट के नाम से जाना जाता है।
अथ यव था क बदहाल , राजनी तक खाल पन और समाज म गहराते जा रहे संकट ने हटलर के स ा म पहुँचने का रा ता
साफ़ कर दया। महामंद के दौरान ना सीवाद ने एक जन आंदोलन का प हण कर लया। 1929 के बाद बक दवा लया हो चुके
थे, काम-धंधे बंद होते जा रहे थे, मज़दरू बेरोज़गार हो रहे थे और म यवग को लाचार और भख
ु मर का डर सता रहा था।
ना सी चार म लोग को एक बेहतर भ व य क उ मीद दखाई दे ती थी। 1929 म ना सी पाट को जमन संसद–राइख़ टाग के लए
हुए चन
ु ाव म महज़ 2.6 फ़ सद वोट मले थे जब क 1932 तक आते-आते 37 फ़ सद वोट के साथ वह सबसे बड़ी पाट बन चक
ु
थी।
नाजी चार क कला-नाजी हटलर ज़बद त व ता था, अपने जोशीले भाषण म एक शि तशाल रा क थापना, वसाय सं ध म
हुई नाइंसाफ़ के तशोध और जमन समाज को खोई हुई त ठा वापस दलाने, बेरोज़गार को रोज़गार और नौजवान को एक
सरु त भ व य का आ वासन दे ता था। हटलर ने राजनी त क एक नई शैल रची थी। वह लोग को इक ठा करने के लए आडंबर
और दशन क अह मयत समझता था। लोग म समथन दशाने और पर पर एकता का भाव पैदा करने के लए नाि सय ने बड़ी-
बड़ी रै लयाँ और जनसभाएँ आयोिजत क ।ं वि तक छपे लाल झंड,े ना सी सै यूट और भाषण के बाद खास अंदाज़ म ता लय
क गड़गड़ाहट–ये सार चीज़ शि त दशन का ह सा थीं।
नाि सय ने अपने धूआँधार चार के ज़ रए हटलर को एक मसीहा, एक र क, एक अवतार के प म पेश कया। यह छ व उस
समाज को अ छ लगती थी िजसक त ठा और गव का अहसास चकनाचरू हो चुका था और जो एक भीषण आ थक
एवं राजनी तक संकट से गज़
ु र रहा था।
लोकत का वंस-
30 जनवर 1933 को रा प त हंडन
े बग ने हटलर को मं मंडल के सबसे शि तशाल पद –चांसलर का पदभार संभालने का योता
दया। तब तक ना सी पाट ढ़वा दय को भी अपने उ दे य से जोड़ चुक थी। स ा हं सल करने के बाद हटलर ने लोकताि क
शासन क संरचना और सं थान को भंग करना शु कर दया। 28 फरवर 1933 को जार कए गए अि न अ यादे श के ज रए
अ भ यि त, ेस एवं सभा करने क आज़ाद जैसे नाग रक अ धकार को अ नि चत काल के लए नलं बत कर दया गया। 3 माच
1933 को वशेषा धकार अ ध नयम (इनेब लंग ऐ ट) के ज़ रए हटलर को संसद को हा शए पर धकेलने और केवल अ यादे श के
ज़ रए शासन चलाने के नरं कुश अ धकार मल गए। ना सी पाट और उससे जड़
ु े संगठन के अलावा सभी राजनी तक पा टय
और े ड यू नयन पर पाबंद लगा द गई। अथ यव था, मी डया, सेना और यायपा लका पर रा य का पूरा नयं ण था पत हो
गया।
The following passage has some missing words. Complete it by choosing the right option:
Payal ...........1............ (elect) captain of the school sports team two years ago. She ...........2............. (win) several
awards since then. Yesterday, however, sshe
he ...........3............. (play) a poor game. I am sure that she .........4............
(regain) his form soon.
TASK 2
Given below are some tips on how we can improve our memory. Read the given hints and complete the
passage
ssage by filling in the gaps by choosing the correct option:
HOW TO IMPRO
IMPROVE YOUR MEMORY
• Exercise your brain. • Reduce stress. • Create vivid, memorable images. • Repeat things you need to learn. • Group
things you need to remember. • Try meditation.
There are some simple steps that can help you to improve your memory. The first step (a) .................................... with
things like crossword puzzles, chess etc. The second step is (b) ..................................... lives because stress ccan act as
distraction and make it difficult to focus, which can lead to memory problems. The next step
(c).......................................... which
ich will help us to remember things. Another method involves is to repeat things that
we want to learn and (d)……………………. so that we do not forget them easily. Finally, the most important thing
is to try meditation.
(1) (a) being to exercise your brain (b) is to exercise one’s brain
(c) is to exercise your brain (d) being exercising the brain
(2) (a) to reduce stress in your (b) reducing stress in one’s
(c) reduction of stress in one’s (d) to reduce stress in our
(3) (a) is creating vivid and memorable images (b) is to create vivid and memorable images
(c) creating vivid and memorable images (d)
d) creation of vivid and memorable images
(4) (a) to group things together (b) grouping things together
(c) to be grouping things together (d) grouped things together
परमाणु का आकार इिना छोटा/नगण्य है कक हम उसे दे ख ही नहीीं सकिे है I हमारे आस पास के सभी
पदािय/िस्िु परमाणुओीं से ही तनर्मयि हुई हैं I चाहे हम उन्हें दे ख नहीीं सकिे हों, लेककन हमारे
प्रत्येक कियाकलाप पर उनका प्रभाि पड़िा रहिा है।एक रसायनज्ञ जिनका नाम िा डाल्टन, ने
कणों परमाणओ
ु ं से बने होिे हैंI
स्ियीं को िींथचए:
1. a.सभी पदािय सक्ष्
ू म कणों _______से बने होिे हैंI
b.परमाणु िह सबसे छोटी इकाई हैं िो __________ अर्भकियाओीं में भाग लेिे हैं।
c.डाल्टन का परमाणु र्सद्धान्ि __________________ के तनयमों पर आधाररि िाI
d.ककसी भी रासायतनक अर्भकिया में परमाणु न िो ______ होिे हैं और न ही उनका _____ होिा है।
2. डाल्टन के परमाणु र्सद्धाींि के ककन्हीीं िीन मुख्य बबन्दओ
ु ीं का उदाहरण सदहि सींक्षेप में िणयन कीजियेI
3. परमाणु ककसे कहिे है ?
श ा नदे शालय, रा य राजधानी े , द ल
वषय : सामािजक व ान (इ तहास पाठ-3) कायप क : 79 त थ: 03/02/2022
क ा : IX व याथ का नाम ……………………… क ा यापक का नाम …...……………..
नाज़ीवाद और हटलर का उदय- 4
हटलर वारा जमनी म शासन
समाज को नयं त और यवि थत करने के लए वशेष नगरानी और सुर ा द ते ग ठत कए गए। पहले से मौजद
ू हर वद धार
पु लस और टॉम पस (एसए) के अलावा गे तापो (गु तचर रा य पु लस), एसएस (अपराध नयं ण पु लस) और सुर ा सेवा
(एसडी) का भी गठन कया गया। इन द त को बे हसाब अ धकार दए गए। कसी को दे श नकाला या गर तार कया जा सकता
था या कसी को भी कैद कर यातना गह
ृ म भेजा जा सकता था।1933 म हटलर ने ‘ल ग ऑफ नेश स’ से प ला झाड़ लया और
1936 म राईनलड पर दोबारा क़ ज़ा कर लया। एक जन, एक सा ा य, एक नेता के नारे क आड़ म 1938 म आि या को
जमनी म मला लया गया। इसके बाद उसने चेको लोवा कया को हड़प लया। सतंबर 1939 म उसने पोलड पर हमला कर दया।
िजसके बाद ाँस और इं लड के साथ भी उसका यु ध शु हो गया जो दस
ू रे व व यु ध म बदल गया। सतंबर 1940 म जमनी ने
इटल और जापान के साथ एक प ीय सं ध क । जून 1941 म उसने सो वयत संघ पर हमला कया। यह हटलर क एक
ऐ तहा सक बेवकूफ़ थी। जब जापान ने हटलर को समथन दया और पल हाबर पर अमे रक ठकान को बमबार का नशाना
बनाया तो अमे रका भी दस
ू रे व वयु ध म कूद पड़ा। यह यु ध मई 1945 म हटलर क पराजय और जापान के हरो शमा शहर पर
अमे रक परमाणु बम गराने के साथ ख म हुआ।
स ा म पहुँचते ह नाि सय ने ‘शु ध’ आय जमन के अलावा अ य न ल , बीमार और समाज को ‘अवां छत’ मान उनका सफाया
करना शु कया। यथ
ू नेिज़या (दया म ृ यु ) काय म के तहत लाख जमन को मार दया गया।
ना सी जमनी म सबसे बरु ा हाल यहू दय का हुआ। उनक नज़र म यहूद आदतन ह यारे और सद
ू खोर थे जो अपनी घनी
बि तय घेटो म रहते थे। हटलर क ‘ ि ट’ म इनका सफ़ एक ह हल था – यहू दय को पूर तरह ख म कर दया जाए।
नाि सय ने यहू दय को तरह-तरह से आतं कत कया, उनक आजी वका के साधन छ न लए और उ ह शेष समाज से अलग-
थलग कर डाला। बाद म उ ह पोलड म बनाए गए गैस चबर म ले जाकर मार दे ने क रणनी त अपनाई गई।
= 4851 cm3
2. यास 10.5 cm वाले एक अध गोलाकार कटोरे म कतने ल टर दध
ू आ सकता है ?
.
हल:- यास = 10.5 cm ⇒ या (r) = = 5.25 cm
= 303.1875 cm3
अध गोलाकार कटोरे म दध
ू आया = = 0.303 ल टर (लगभग)
.
3. दवाई का एक कै सूल (Capsule) 3.5 mm यास का एक गोला (गोल ) है । इस कै सूल को भरने के लए कतनी
दवाई (mm3) क आव यकता होगी ?
.
हल:- यास = 3.5 mm ⇒ या (r) = = 1.75 mm
अब आप यास क िजए
1. उस गोले का आयतन ात क िजए िजसक या 7 cm है ।
2. एक अध गोलाकार कटोरे क या 3.5 cm है । इसके अंदर भरे जा सकने वाले पानी का आयतन ात
क िजए ।
3. गोले का आयतन ात क िजए िजसका प ृ ठ य े फल 154 cm2 है।
4. एक गोले के आयतन और संपण
ू पृ ठ े फल का सं या मक मान बराबर है । गोले क या ात क रए।
हमारे आसपास के सभी पदािय जैसे ित्ि ििा यौथिक परमाणु से शमलकर र्ने हैं और हर ित्ि
का एक नाम एििं एक अद्वििीय रासायतनक प्रिीक होिा है I पहले पहल ये ित्ि जहााँ जहााँ खोजे िए,
िो उस स्िान के नामों पर ही इनके नाम रखे ददये िये िे जैसे कॉपर को साइप्रस (स्िान) से शलया िया है
और कुछ नाम ित्ि के रिं ि (जैसे िोल्ड) पर रखे िये।
IUPAC (इंटरिेििल यूनियि ऑफ़ प्योर एंड एप्लाइड केशमस्ट्री) एक अिंिरायष्ट्ट्रीय सिंस्िा है, जो ित्िों के
नामों,प्रिीकों और मानकों को मान्यिा दे िी है I अथिकिर ित्िों के प्रतीक उन ित्िों के अिंग्रजी नामों के एक
या दो अक्षरों से र्ने होिे हैंI कुछ ित्िों के प्रिीकों को लैदटन, जमयन या ग्रीक भाषाओँ में उनके नामों से
र्नाया िया I
स्ट्वयं को जााँचिए:
1.IUPAC का पूरा नाम ििा कायय क्या है?
2.नीचे शलखे ित्िों के प्रिीक शलखखएI
Sodium(सोडडयम), Hydrogen (हाइड्रोजन), Potassium(पोटै शियम), Helium (हीशलयम)
Oxygen(ऑक्सीजन), Aluminium (एल्यम
ु ीतनयम) Gold(सोना), लोहा(Iron) सीसा(Lead), र्ोरोन(Boron),
चााँदी(Silver), कॉपर(Copper) जजिंक(Zinc), तनयान(Neon).
श ा नदे शालय, रा य राजधानी े , द ल
वषय : सामािजक व ान (इ तहास पाठ-3) कायप : 80 त थ: 04/02/2022
क ा : IX व याथ का नाम ……………………… क ा यापक का नाम …...……………..
नाज़ीवाद और हटलर का उदय- 5
ना सी व व ि टकोण
इस ि टकोण म सभी समाज बराबर नह ं थे, इस नज़ रये म लॉ ड, नील आँख वाले, नॉ डक जमन आय सबसे ऊपर और
यहूद सबसे नचल पायदान पर आते थे। नाि सय के अनस ु ार जो न ल सबसे ताकतवर है वह िज़ंदा रहेगी; कमजोर न ल
ख म हो जाएँगी। आय न ल सव े ठ है , उसे अपनी शु धता बनाए रखनी है , ताकत हा सल करनी है और द ु नया पर वच व
कायम करना है । यूरे बग नाग रकता अ धकार, सतंबर 1935 के अनस
ु ार जमन न ल वाले यि तय को ह जमन नाग रकता
और अ धकार मलगे। यहू दय और जमन के बीच ववाह और संबध ं पर पाबंद लगा द गई। इसके अलावा यहू दय वारा
रा य वज फहराने पर पाबंद , यहूद यवसाय का ब ह कार, नौक रय से नकाला गया और यहू दय क संप भी ज़ त कर
ल गई।
ना सी यव
ु ा सोच –
हटलर का मानना था क एक शि तशाल ना सी समाज क थापना के लए ब च म ना सी वचारधारा होना बहुत ज़ र है।
इसके लए ब च पर परू ा नयं ण आव यक था। अ छे जमन ब च को ना सी श ा या से गज़
ु रना पड़ता था। यह
श ण क एक लंबी या थी। कूल पा यपु तक को नए सरे से लखा गया। न ल के बारे म चा रत ना सी वचार
को सह ठहराने के लए ‘न ल व ान’ के नाम से एक नया वषय पा य म म शा मल कया गया। ब च को सखाया
गया क वे वफ़ादार व आ ाकार बन, यहू दय से नफ़रत और हटलर को आदश मान। खेल-कूद के ज़ रए भी ब च म हंसा
और आ ामकता क भावना पैदा क जाती थी। हटलर का मानना था क मु केबाज़ी का श ण ब च को फ़ौलाद दल
वाला, ताकतवर और मदाना बना सकता है। 10 वष क उ के जमन ब च को ‘यग
ुं फोक’ और 14 वष से बड़े लड़क को
‘ हटलर यथ
ू ’ नामक संगठन म शा मल कर ना सी रा य समाजवाद क भावना भर जाती थी। इन संगठन म वे यु ध क
उपासना, आ ामकता व हंसा, लोकतं क नंदा और यहू दय , क यु न ट , िजि सय व अ य अवां छत से घण
ृ ा का सबक
सीखते थे। लगभग 18 साल क उ म वे लेबर स वस ( म सेवा) म शा मल हो जाते थे। इसके बाद उ ह सेना म काम
करना पड़ता था और कसी ना सी संगठन क सद यता लेनी पड़ती थी।
ना सी मात ृ व सोच –
ना सी सोच के अनस
ु ार म हलाएं पु ष मद से भ न और कमतर होती ह, इनक बराबर संभव नह ं। लड़ कय को कहा जाता
था क उनका फ़ज़ एक अ छ माँ बनना और शु ध आय र त वाले ब च को ज म दे ना और उनका पालन-पोषण करना है।
न ल क शु धता बनाए रखने, यहू दय से दरू रहने, घर संभालने और ब च को ना सी मू य-मा यताओं क श ा दे ने का
दा य व म हलाओं पर ह है। हटलर के अनस
ु ार रा य क सबसे मह वपण ू नाग रक माँ होती है । ले कन ना सी जमनी म सार
माताओं के साथ भी एक जैसा यवहार नह ं होता था। जो औरत न ल तौर पर अवां छत ब च को ज म दे ती थीं उ ह दं डत
कया जाता था जब क न ल तौर पर वां छत दखने वाले ब च को ज म दे ने वाल माताओं को इनाम दए जाते थे।
नधा रत आचार सं हता का उ लंघन करने वाल म हलाओं को सावज नक प से अपमा नत कर उ ह कड़ा दं ड दया जाता था।
न 1. हटलर का ना सी व व ि टकोण या था?
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न 2. ना सी सोच को अगल पीढ़ म लाने के लए हटलर ने कौन से उपाय कये?
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न 3. हटलर के अनुसार म हलाओं क या- या िज मेदा रयाँ थी?
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न 4. एक अ छे समाज के नमाण म व यालय का या योगदान हो सकता है ?
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न 5. ‘समाज म म हलाओं का थान बहुत मह वपण
ू होता है ।‘ अपने जीवन के उदाहरण वारा इस कथन क पिु ट क िजये।
को वड के स दभ म उ चत यवहार संबध
ं ी (CAB) संदेश :
को वड 19 के व ध लड़ाई म सुर त रहने के लए मा क पहन l