प्रशिक्षण शाखा
एनसीआरबी का एक उद्देश्य देश में पुलिस बलों की क्षमता निर्माण के लिए आईटी और अंगुलि छाप विज्ञान में प्रशिक्षण प्रदान करना है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की प्रशिक्षण शाखा इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।
प्रत्येक वर्ष यह शाखा भारतीय पुलिस अधिकारियों के लिए औसतन 50 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है। इन पाठ्यक्रमों की अवधि 3 दिन से 1 सप्ताह तक होती है। "साइबर अपराध और डिजिटल फॉरेंसिक", "अपराध अपराधी ट्रैकिंग और नेटवर्क सिस्टम", "सीसीटीएनएस तकनीकी / परियोजना प्रबंधन", "अंगुलि छाप विज्ञान पर टीओटी", "फ़िंगरप्रिंट साइंस पर रिफ्रेशर कोर्स", "बेसिक फ़िंगरप्रिंट साइंस", "मानव तस्करी विरोधी", "भारत में अपराध पर टीओटी", "भारत में दुर्घटना में मृत्यु एवं आत्महत्या पर टीओटी", ”भारत में जेल सांख्यिकी पर टीओटी”, "ऑटोमैटिक फ़िंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम पर कार्यशाला" "आपराधिक प्रक्रिया (शनाख्त) अधिनियम" आदि जैसे विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कैलेंडर के अनुसार नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है।
एनसीआरबी, क्षेत्राधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों के क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षक (टीओटी) पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों / केंद्रीय सशस्त्र बलों सहित सभी पदों के अधिकारी एनसीआरबी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
आंतरिक संकाय सदस्य अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं एवं उन्हें प्रशिक्षण का विस्तृत अनुभव है। एनसीआरबी के संकाय सदस्य देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों जैसे "सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद", "आरपीसीटीसी", "सीबीआई अकादमी", "राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविधालय" आदि में कार्यशालाएं आयोजित करते हैं एवं व्याख्यान देते हैं। एनसीआरबी, व्याख्यान देने के लिए सीबीआई, एनआईसीएफएस, सीइआरटी-इन, एनटीआरओ,इएसआरआई, NeurIOT और अन्य प्रतिष्ठित सार्वजनिक /निजी संगठनों जैसे आईटी, साइबर अपराध, डिजिटल फॉरेंसिक, अंगुलि छाप विज्ञान आदि जैसे संगठनों से विशिष्ट अतिथि व्याख्याताओं को आमंत्रित करता है ।
2018-2019 से आरंभ किए गए नए पाठ्यक्रम
साइबर अपराध और डिजिटल फोरेंसिक - रेस्पोंडर ट्रैक (उप निरीक्षक एवं उससे ऊपर के लिए), साइबर अपराध और डिजिटल फोरेंसिक - जांच ट्रैक (उप निरीक्षक एवं उससे ऊपर के लिए), साइबर अपराध और डिजिटल फोरेंसिक- न्यायिक ट्रैक (न्यायाधीश/मजिस्ट्रेट/अभियोजन अधिकारी), मानव तस्करी विरोधी पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण - (आरक्षक से उप निरीक्षक/डाटा एन्ट्री आपरेटर), नेफिस पर कार्यशाला (अंगुलि छाप ब्यूरो एवं केन्द्रीय अंगुलि छाप ब्यूरो के अंगुलि चिन्ह विशेषज्ञ) और सीआरपीआई अधिनियम 2022 आदि।
2018-19 से आरंभ किए गए नए विषय
क्रेडिट कार्ड और ऑन-लाइन धोखाधड़ी के नवीन चलन, डिजिटल साक्ष्य, साइबर अपराध के विरुद्ध कानूनी ढांचा, डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, टूल्स की सहायता से डिजिटल साक्ष्य से डेटा प्राप्ति, सीडीआर विश्लेषण, आईपीडीआर विश्लेषण, इंटरनेट मॉनीटरिंग जैसे विभिन्न विषयों और टेलीफोन टैपिंग आदि को प्रशिक्षण मॉड्यूल में शामिल किया गया है। इसके अलावा, कुछ विशेष विषय जैसे कि सीसीटीवी फुटेज विश्लेषण, नाइजीरियाई धोखाधड़ी, सफल जांच के मामलों का अध्ययन, सामाजिक मीडिया विश्लेषण से आपराधिक सूचना का संग्रह, एनसीआरबी द्वारा विकसित मोबाइल ऐप आदि को आरंभ किया गया है ।
ब. फिंगर प्रिंट कोर्स के लिए
समान बिंदुओं की अंतर्राष्ट्रीय तुलना विधियों जैसे विषयों पर प्रशिक्षण, अपराध दृश्य प्रबंधन एवं सांख्यिकीय विश्लेषण, डिजिटल फोटोग्राफी एवं आईटी अधिनियम नेफिस/लाइव स्कैनर, एफपी पहचान के त्रुटिपूर्ण मामले, अव्यक्त जांच में नैनो-कण, संचार के महत्व को शामिल किया गया है।
प्रशिक्षण पद्धति
प्रशिक्षण पैराडाइम (Paradigm) को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह प्रोद्योगिकी पाठ्यक्रमों से आगे बढ़कर पुलिस को अपराधों को हल करने में मददगार हो। अनुभव साझाकरण और शंका समाधान सत्र नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाते हैं। अनुभवी फैकल्टी द्वारा विशेष विषयों पर अधिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाता है। केवल सैद्धांतिक (theory) सत्रों के बजाय हैंड्स-ऑन-सेशन पर जोर दिया जाता है।
छात्रावास सुविधा
एनसीआरबी में छात्रावास की सुविधा है जहां प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सभी प्रशिक्षु एनसीआरबी छात्रावास में रह सकते हैं ।
सांख्यिकी
31 दिसंबर 2024 तक एनसीआरबी मुख्यालय, सीएफपीबी कोलकाता, और क्षेत्रीय कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्रों (आरपीसीटीसी) द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षित अधिकारियों की कुल संख्या इस प्रकार है:
एन सी आर बी मुख्यालय | सीएफपीबी, कोलकाता | आरपीसीटीसी ( कोलकाता हैदराबाद गांधीनगर लखनऊ) | कुल संख्या | ||||
संचालित पाठ्यक्रमों की संख्या | प्रशिक्षित अधिकारियों की संख्या | संचालित पाठ्यक्रमों की संख्या | प्रशिक्षित अधिकारियों की संख्या | संचालित पाठ्यक्रमों की संख्या | प्रशिक्षित अधिकारियों की संख्या | संचालित पाठ्यक्रमों की संख्या | प्रशिक्षित अधिकारियों की संख्या |
976 | 20215 | 46 | 546 | 1574 | 39121 | 2596 | 59882 |
ब्यूरो की यह शाखा ब्यूरो के तीन वार्षिक प्रकाशनों के लिए डेटा के कारगर संग्रह के लिए "प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण" पाठ्यक्रम आयोजित करती है। भारत में अपराध, भारत में दुर्घटना मृत्यु और आत्महत्या एवं भारत में जेल सांख्यिकी।
क्षेत्रीय पुलिस कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र (RPCTC)
चार आरपीसीटीसी (हैदराबाद, गांधीनगर, लखनऊ और कोलकाता में एक-एक) भारतीय पुलिस के कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों के लिए समान पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। एनसीआरबी द्वारा आरपीसीटीसी में ये पाठ्यक्रम क्षेत्रीय स्तर पर क्षमता निर्माण की सुविधा हेतु प्रायोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षण कैलेंडर को साइबर अपराध आदि जैसे नवीनतम तकनीकों पर पाठ्यक्रम आरंभ करके पुनः डिजाइन किया गया है। ब्यूरो, आरपीसीटीसी में आयोजित विभिन्न पाठ्यक्रमों के ब्लॉक सिलेबस को डिजाइन करने में सहयोग करता है।
संचालित पाठ्यक्रमों की संख्या | प्रशिक्षित संख्या |
---|---|
1574 | 39121 |
01 जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2024 तक आयोजित वेबिनार
एनसीआरबी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के लिए मासिक वेबिनार भी आयोजित करता है, जिसमें फील्ड अधिकारियों के सामने आने वाले उभरते महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है, ताकि अपराध की जांच में मदद करने वाले तरीकों/तकनीकों के बारे में जानकारी मिल सके। अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रख्यात संकायों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक, एनसीआरबी ने विभिन्न विषयों पर 12 वेबिनार आयोजित किए, जिनमें कुल 6216 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
01 जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2024 तक की अवधि के दौरान निम्नलिखित वेबिनारों का आयोजन किया गया।
वेबिनारों का विवरण:
क्रम सं. | वेबिनार विषय |
1. | कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक्स - I |
2. | कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक्स - II |
3. | नये कानूनों का कार्यान्वयन: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 |
4. | अपराध से निपटना: सुरक्षित समुदायों के लिए भू-स्थानिक खुफिया जानकारी का उपयोग |
5. | नये कानूनों का कार्यान्वयन: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 |
6. | डिजिटल डार्क आर्ट्स - डार्क वेब अपराध और जांच का मार्ग |
7. | जांच में ए.आई. की शक्ति का उपयोग |
8. | सोशल मीडिया विश्लेषण और फोरेंसिक्स |
9. | वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए ई-सक्ष्य मोबाइल ऐप |
10. | क्रिप्टोग्राफ़िक सुरक्षा के मूल सिद्धांत और कानून प्रवर्तन में इसका अनुप्रयोग – I |
11. | क्रिप्टोग्राफ़िक सुरक्षा के मूल सिद्धांत और कानून प्रवर्तन में इसका अनुप्रयोग – II |
12. | नागरिक केंद्रित सेवाओं और साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए ए.आई. का उपयोग |