नहीं रहे वरिष्ठ न्यूरो सर्जन प्रो. सनातन रथ Jamshedpur News
प्रो सनातन रथ की ख्याति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड से बड़ी संख्या में मरीज उनसे इलाज कराने जाते थे।
By Vikas SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 09 Jun 2020 05:56 PM (IST)
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। देश-विदेश के प्रख्यात न्यूरो सर्जन प्रो. डाक्टर सनातन रथ का मंगलवार को निधन हो गया। कटक कनिका चौक स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम श्वास ली है। मृत्यु के समय डा. रथ की उम्र 86 साल थी। पिछले काफी दिनों से सनातन रथ बुढ़ापे से जुड़ी बीमारी से पीडि़त थे। वह एक न्यूरो स्पेशलिस्ट के तौर पर न सिर्फ ओडि़शा बल्कि देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी। उन्होंने मस्तिष्क की समस्याओं से जुड़ी कई जटिल सर्जरी को सफलता के साथ किया था।
जमशेदपुर से बड़ी संख्या में इलाज कराने जाते थे मरीजप्रो सनातन रथ की ख्याति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड से बड़ी संख्या में मरीज उनसे इलाज कराने जाते थे। लाइन लगाकर उनके परामर्श व इलाज के लिए इंतजार किया जाता था। जमशेदपुर में पहले मस्तिष्क रोग का कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं था। इस वजह से भी दिमागी समस्याओं के होने पर एक नाम उनके जेहन में कौंधता था-प्रो सनातन रथ। शहर के चिकित्सक भी सनातन रथ के लिए मरीजों को रेफर करते थे। उनके पास ओडि़शा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से मरीज आ रहे थे।
प्रो रथ के प्रयास से ही ओडिशा में लगी थी पहली सीटी स्कैन मशीन ओडि़शा में पहली सिटी स्केन मशीन प्रो. रथ के प्रयास से ही आयी थी। प्रो. रथ ने अपने जीवनकाल में अनेक न्यूरो सर्जन तैयार किए। सनातन रथ ने केवल डाक्टर के तौर पर ही ख्याति अर्जित नहीं की बल्कि वह विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से भी जुड़े रहे थे। डा. रथ की मृत्यु के बाद तुलसीपुर कनिका रोड में मौजूद उनके आवास पर कई विशिष्ट व्यक्ति पहुंचकर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पंडा ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि डा. सनातन रथ वरिष्ठ डाक्टर तथा स्नायु शल्य विभाग के भीष्म पितामह थे।
25 जुलाई 1934 में हुआ था जन्म जानकारी के मुताबिक स्व. डा. रथ का जन्म 25 जुलाई 1934 को हुआ था। 1957 में उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1962 में पटना विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद 1965 में वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज से न्यूर सर्जरी में स्नातकोत्तर किया। 1965 कटक श्रीरामचन्द्र भंज मेडिकल कालेज में सहकारी प्रोफेसर के तौर पर अपना व्यावसायिक जीवन प्रारंभ किया। 1991 में डा. रथ डीएमइटी के निदेशक पद से रिटायर हुए। रिटायर होने के बाद भी लोगों की सेवा में लगे रहे।
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