Please enable javascript.Tax News In Hindi: लेटेस्ट इनकम टैक्स समाचार, टैक्स न्यूज़, इनकम टैक्स अपडेट - The Economic Times Hindi
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टैक्स

भारत सरकार कितने प्रकार के टैक्स लगाती है?भारत सरकार विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाती है. इकनॉमिक टाइम्स हिंदी (ET Hindi) में टैक्स पर आप नियमित खबरें (Income Tax latest news) पढ़ सकते हैं. यहां नीचे भारतीय टैक्स सिस्टम के कुछ महत्वपूर्ण करों का उल्लेख है:इनकम टैक्स (Income Tax) : यह टैक्स व्यक्तियों और संगठनों की कमाई पर लगाया जाता है. यह टैक्स व्यक्तिगत आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है और नियमित अंतराल पर भुगतान किया जाना चाहिए. इकनॉमिक टाइम्स हिंदी में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से संबंधित सारी खबरें, (Income Tax return latest news today) सूचनाएं और जानकारी दी जाती है.सामान्य कर या वैट (Value Added Tax) : उत्पादों और सेवाओं पर लगाया जाता है. यह टैक्स उत्पादकों और संबंधित सेवा प्रदाताओं द्वारा वसूल किया जाता है और उपभोक्ताओं के द्वारा अंतिम खरीद पर देय होता है.सेवा कर (Service Tax) : सेवा कर सेवाओं पर लगाया जाता है, जैसे कि रेस्टोरेंट, होटल, कंसल्टेंसी, टेलीकॉम, बैंकिंग, इंटरनेट सेवाएं आदि. इसका उद्घाटन 1 जुलाई 2012 को हुआ था और सेवा कर अधिनियम (Service Tax Act) द्वारा प्रशासित किया जाता है.वाहन रजिस्ट्रेशन टैक्स (Vahan Tax) : यह टैक्स नई और मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर लगाया जाता है. यह टैक्स रोड टैक्स के रूप में भी जाना जाता है और उस राज्य के गवर्नमेंट को भुगतान किया जाता है जहां गाड़ी रजिस्टर की जाती है.संपत्ति कर (Property Tax) : संपत्ति कर वास्तविक संपत्ति (जमीन, घर, दुकान आदि) के लिए लगाया जाता है. यह कर संपत्ति की मूल्य पर आधारित होता है और संपत्ति के खरीदारी और बिक्री पर देय (Tax Payment) होता है. इसके अलावा, अन्य टैक्स जैसे कि स्वच्छ भारत कर, आबकारी शुल्क, कृषि उत्पादों पर लगाया जाने वाला कर (अपने राज्य के आधार पर), गैस सिलेंडर वाला कर, आयकर आदि भी भारत सरकार द्वारा लागू किए जाते हैं. यह सभी टैक्स भारत सरकार को आर्थिक संसाधनों को प्राप्त करने में मदद करते हैं और उसे सामरिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए उपयोग करने में सहायता प्रदान करते हैं. टोल टैक्स क्या है?टोल टैक्स (Toll Tax news) : एक प्रकार का कर है जो राष्ट्रीय और राज्य सड़कों पर वाहनों के उपयोग पर लगाया जाता है. जब वाहन एक राष्ट्रीय या राज्य सड़क का उपयोग करता है, तो टोल टैक्स भुगतान करना आवश्यक होता है. यह टैक्स राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा वसूल किया जाता है और इसे नियमित अंतराल पर भुगतान किया जाना चाहिए.प्रोफेशनल टैक्स क्या है?प्रोफेशनल टैक्स (Professional Tax) एक अन्य कर है जो कुछ भारतीय राज्यों में लागू होता है. यह कर राज्य सरकार द्वारा नियमित कर्मचारियों और पेशेवरों से वसूला जाता है. प्रोफेशनल टैक्स का उद्देश्य राज्य के निगम, संघ और प्रादेशिक सरकारों को आय स्रोत प्रदान करना है. प्रोफेशनल टैक्स का माध्यमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नियमित कर्मचारियों और पेशेवरों के द्वारा कमाई गई आय से राज्य सरकार को कुछ धनराशि प्राप्त होती है. यह टैक्स किसी निश्चित सीमा से ऊपर की आय पर लागू होता है.प्रोफेशनल टैक्स के नियम और दरें राज्य सरकार के निर्णयों पर निर्भर करती हैं, इसलिए यह राज्यों के बीच भिन्न-भिन्न हो सकती हैं. इसलिए, प्रोफेशनल टैक्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने नगरीय निकाय या राज्य सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क करना चाहिए.रोड टैक्स (Road Tax): रोड टैक्स एक प्रकार का कर है जो वाहनों के खरीदने या उन्हें चलाने पर लगाया जाता है. इसका उद्देश्य वाहनों की पंजीकरण और राष्ट्रीय और राज्य सड़कों का उपयोग करने के लिए भुगतान करना है. यह कर वाहनों के इंजन क्षमता, वितरण प्रकार, वाहन के प्रकार और उपयोग क्षेत्र के आधार पर निर्धारित किया जाता है. रोड टैक्स को वाहन खरीदने के समय या नियमित अंतराल पर भुगतान करना होता है. रोड टैक्स का मुख्य उद्देश्य सड़क निर्माण, रखरखाव और सड़क सुरक्षा के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करना है.वाहन टैक्स (Vehicle Tax): वाहन टैक्स एक अन्य प्रकार का कर है जो वाहनों के प्रॉपर्टी और मालिकाना हक के लिए लगाया जाता है. इसका उद्देश्य वाहनों के मालिकाना हक की गुणवत्ता को प्रोत्साहित करना है. यह टैक्स वाहनों की मालिकी, वितरण प्रकार, इंजन शक्ति, इंजन प्रकार, प्रयोग क्षेत्र आदि के आधार पर निर्धारित होता है. वाहन टैक्स का भुगतान वाहनों की पंजीकरण के समय या नियमित अंतराल पर किया जाता है.हाउस टैक्स (House Tax): हाउस टैक्स या प्रॉपर्टी टैक्स एक कर है जो घरों और संपत्ति के मालिकाना हक के लिए लगाया जाता है. इसका उद्देश्य स्थानीय प्रशासनिक निकायों को आय स्रोत प्रदान करना है ताकि वे नगरीय विकास, सार्वजनिक सुविधाएं, और अन्य नगरीय सेवाओं के लिए आवश्यक वित्तीय स्रोत प्राप्त कर सकें. हाउस टैक्स का भुगतान घरों और संपत्ति के मालिकों द्वारा संपत्ति की मूल्य पर आधारित होता है. यह कर वार्षिक आधार पर भुगतान किया जाता है और स्थानीय प्रशासनिक निकायों द्वारा नियमित रूप से वसूला जाता है.डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है?डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax): डायरेक्ट टैक्स वे कर होते हैं जिन्हें व्यक्ति या निकाय सीधे भुगतान करते हैं और इनका आयकर विभाग द्वारा संचालित किया जाता है. इन टैक्स की राशि की गणना व्यक्ति या निकाय की आय के आधार पर की जाती है. डायरेक्ट टैक्स के उदाहरण में शामिल हो सकते हैं आयकर, करप्शन टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स, वेतन टैक्स, डिविडेंड टैक्स आदि.इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax): इनडायरेक्ट टैक्स वे कर होते हैं जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए जाते हैं और उपभोक्ताओं द्वारा अंततः भुगतान किए जाते हैं. ये कर उत्पादों और सेवाओं के मूल्य के ऊपर लगाए जाते हैं और उत्पादक, वितरक या सेवा प्रदाता द्वारा वसूले जाते हैं. उदाहरण के रूप में सेंट्रल एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, जीएसटी (Goods and Services Tax), कस्टम ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, वैट (Value Added Tax) आदि शामिल हैं.
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