छाल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]छाल संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ छल्ल, छाल अथवा सं॰ शल्क]
१. पेड़ों के धड़, शाखा, टहनी और जड़ के ऊपर का आवरण जो किसी किसी में मोटा और कड़ा होता है और किसी में पतला और मुलायम । वृक्ष की त्वचा । बक्कल । जैसे, नीम की छाल । बल्कल । बबूल की छाल ।
२. छाल का वस्त्र,
३. त्वचा । चमड़ा ।
४. एक प्रकार की मिठाई । उ॰—भई मिठाई कही न जाई । मुख खन मेलत जाइ बिलाई । मतलडु, छाल और मरकोरी । माठ, पिराकें और बुँदौरी ।—जायसी (शब्द॰) ।
५. चीनी जो खूब साफ न की गई हो ।