बाइलेटेरिया
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बाइलेटेरिया (Bilateria) या द्विसमभागी ऐसे प्राणी होते हैं जिनके शरीर लगभग दो समान भागों के बने हों, यानि जिनमें द्विभागीय सममिति हो। ऐसे जीवों के शरीर के मुख्य भाग में आमतौर पर एक ध्रुव पर सिर और दूसरे ध्रुव पर गुदा होती है। इनके शरीर में पीछे की ओर रीढ़ और आगे की ओर पेट वाला रुख होता है, और यह दाएँ और बाएँ भाग रखते हैं। मानव, गिरगिट, अधिकतर मछलियाँ, पक्षी, इत्यादि सभी बाइलेटेरिया की परिभाषा में आते हैं। इसके विपरीत निडारिया (मसलन जेलीफ़िश), टेनोफोरा और स्पंज जैसे व्यासीय सममिति रखने वाले प्राणी में आगे-पीछे और दाएँ-बाएँ का अंतर नहीं होता, लेकिन ऊपर-नीचे का अंतर होता है।[1][2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Martin, M. W.; Grazhdankin, D. V; Bowring, S. A; Evans, D. A; Fedonkin, M. A; Kirschvink, J. L. (5 May 2000). "Age of Neoproterozoic bilatarian [sic] body and trace fossils, White Sea, Russia: implications for metazoan evolution". Science. 288: 841–5. doi:10.1126/science.288.5467.841. PMID 10797002.
- ↑ Knoll, Andrew H.; Carroll, Sean B. (25 June 1999). "Early Animal Evolution: Emerging Views from Comparative Biology and Geology". Science. 284 (5423): 2129–2137. PMID 10381872. डीओआइ:10.1126/science.284.5423.2129. मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मार्च 2017.