दीपिका कुमारी
दीपिका कुमारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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पूर्णिमा महतो के साथ दीपिका कुमारी (बाएँ) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
व्यक्तिगत जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
जन्म |
13 जून 1994 राँची, झारखण्ड, भारत | |||||||||||||||||||||||||||||||||
निवास | राँची, झारखण्ड, भारत | |||||||||||||||||||||||||||||||||
ऊँचाई | 1.61 मी॰ (5 फीट 3 इंच) (2010) | |||||||||||||||||||||||||||||||||
वजन | 56 कि॰ग्राम (123 पौंड) (2010) | |||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्र | भारत | |||||||||||||||||||||||||||||||||
पदक अभिलेख
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दीपिका कुमारी महतो (13 जून 1994) एक रिकर्व भारतीय महिला तीरंदाज हैं। बिल्कुल निचले पायदान से निशानेबाजी के खेल में शुरुआत करने वाली वे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष खिलाड़ियों में से एक हैं।[1]
प्रारम्भिक जीवन
[संपादित करें]दीपिका का जन्म 13 जून 1994 में झारखण्ड राज्य की राजधानी राँची के रातू नामक स्थान में ऑटो चालक शिवनारायण महतो और राँची मेडिकल कॉलेज में नर्स गीता महतो के घर हुआ था।[2] अत्यन्त निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीपिका को अभी हाल में ही झारखण्ड सरकार ने राँची शहर में निशुल्क आवासीय भूखण्ड देने की घोषणा की है।[3] वर्तमान में दीपिका टाटा स्टील कम्पनी के खेल विभाग की प्रबन्धक हैं।[4]
करियर एवं उपलब्धियाँ
[संपादित करें]“ | मैंने अपनी निशानेबाजी तकनीक में कुछ बदलाव किये जिनका फायदा मिला है। | ” |
—दीपिका कुमारी |
दीपिका को तीरंदाजी में पहला मौका 2005 में मिला जब उन्होने पहली बार अर्जुन आर्चरी अकादमी ज्वाइन किया। यह अकादमी झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा ने खरसावां में शुरू की थी। तीरंदाजी में उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2006 में हुई जब उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन किया। उन्होने यहां तीरंदाजी के दांव-पेच सीखे। इस युवा तीरंदाज ने 2006 में मैरीदा मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कम्पाउंट एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। ऐसा करने वाली वे दूसरी भारतीय थीं। यहां से शुरू हुए सफर ने उन्हें विश्व की नम्बर वन तीरंदाज का तमगा हासिल कराया। सबसे पहले वर्ष 2009 में महज 15 वर्ष की दीपिका ने अमेरिका में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैम्पियनशिप जीत कर अपनी उपस्थिति जाहिर की थी। फिर 2010 में एशियन गेम्स में कांस्य हासिल किया। इसके बाद इसी वर्ष कॉमनवेल्थ खेलों में महिला एकल और टीम के साथ दो स्वर्ण हासिल किये। राष्ट्रमण्डल खेल 2010 में उन्होने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते बल्कि महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में वर्ष 2010 की जब-जब चर्चा होगी, इसे देश की रिकर्व तीरंदाज दीपिका के स्वर्णिम प्रदर्शनों के लिए याद किया जाएगा। फिर इस्तांबुल में 2011 में और टोक्यो में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता। इस तरह एक-एक करके वे जीत पर जीत हासिल करती गईं। इसके लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया। 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीपिका को पद्म श्री से सम्मानित किया। [6]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ मिश्रा, मानसी (13 सितंबर 2010). "दीपिका कुमारी की सफलता के मंत्र". हिंदुस्तान लाइव. मूल से 17 मई 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसम्बर 2013.
- ↑ "दीपिका कुमारी।". मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2013.
- ↑ "विश्वकप तीरंदाजी स्टेज-2 का आयोजन में भारतीय महिला रिकर्व आर्चरी टीम में झारखण्ड के दीपिका कुमारी शामिल". प्रभात खबर. अभिगमन तिथि २२ मई २०२४.
- ↑ "रांची की तीरंदाज दीपिका कुमारी टाटा स्टील कंपनी के खेल विभाग की प्रबंधक नियुक्त". हिंदुस्तान लाइव. 17 जुलाई 2012. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसम्बर 2013.
- ↑ ""जी नियुज" में दीपिका कुमारी की आत्म कथात्मक टिप्पणी". मूल से 25 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2013.
- ↑ कुमार, अमर (22 जुलाई 2013). "दीपिका ने दिलाया स्वर्ण, भारत तीरंदाजी विश्व कप में चौथे स्थान पर". आज तक. मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसम्बर 2013.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]दीपिका कुमारी से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |