सामग्री पर जाएँ

त्वचा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

त्वचा या त्वक् शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं। यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है।

चूंकि यह सीधे वातावरण के संपर्क मे आती है, इसलिए त्वचा रोगजनकों के ख़िलाफ़ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है।

मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है।

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]