ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो
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ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो ذوالفقار علی بھٹو | |
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1971 में ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो | |
पद बहाल 14 अगस्त 1973 – 5 जुलाई 1977 | |
राष्ट्रपति | फ़ज़ल इलाही चौधरी |
पूर्वा धिकारी | नुरुल अमीन |
उत्तरा धिकारी | मुहम्मद ख़ान जुनेजो |
पद बहाल 20 दिसंबर 1971 – 13 अगस्त 1973 | |
उप राष्ट्रपति | नुरुल अमीन |
पूर्वा धिकारी | याहया ख़ान |
उत्तरा धिकारी | फ़ज़ल इलाही चौधरी |
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष
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पद बहाल 14 अप्रैल 1972 – 15 अगस्त 1972 | |
पूर्वा धिकारी | अब्दुल जब्बार ख़ान |
उत्तरा धिकारी | फ़ज़ल इलाही चौधरी |
विदेशी मसलों के मंत्री
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पद बहाल 15 जून 1963 – 31 अगस्त 1966 | |
राष्ट्रपति | अयूब ख़ान |
पूर्वा धिकारी | मोहम्मद अली बोगरा |
उत्तरा धिकारी | शरीफ़ुद्दीन पिरज़ादा |
जन्म | 5 जनवरी 1928 Bharatpur, nadbai, ब् हिन्दुस्तान |
मृत्यु | 4 अप्रैल 1979 रावलपिंडी, पाकिस्तान | (उम्र 51 वर्ष)
राजनीतिक दल | पाकिस्तान पीपुल्ज़ पार्टी |
जीवन संगी | नुसरत भुट्टो |
संबंध | भुट्टो परिवार |
बच्चे | बेनज़ीर मुर्तज़ा सनम शाहनवाज़ |
शैक्षिक सम्बद्धता | यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया, बर्केले क्राइस्ट चर्च, ऑक्सफोर्ड इंज़ ऑफ़ कोर्ट स्कूल ऑफ़ लॉ |
पेशा | वकील राजनीतिज्ञ |
धर्म | इस्लाम |
ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो (उर्दू और सिंधी: ذوالفقار علی بھٹو, जन्म: 5 जनवरी 1928 - मौत: 4 अप्रैल 1979) पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री थे।[1][2] वे 1973 से 1977 तक प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले अय्यूब ख़ान के शासनकाल में विदेश मंत्री रहे थे। लेकिन अय्यूब ख़ान से मतभेद होने के कारण उन्होंने अपनी नई पार्टी (पीपीपी) 1967 में बनाई। 1962 के भारत-चीन युद्ध, 65 और 71 के पाकिस्तान युद्ध, तीनों के समय वे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन थे। 1965 के युद्ध के बाद उन्होंने ही पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम का ढाँचा तैयार किया था। पूर्व पाकिस्तानी नेत्री बेनज़ीर भुट्टो इन्ही की बेटी थी। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले पर उन्हें 1979 में फ़ाँसी पर लटका दिया गया था जिसमें सैन्य शासक ज़िया उल हक़ का हाथ समझा जाता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]यह पाकिस्तान-सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |