खरक
खरक (खर्क) | |
---|---|
खरक के पत्ते, फूल और फल | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | सपुष्पक पौधा |
अश्रेणीत: | युडिकॉट |
अश्रेणीत: | रोज़िड |
गण: | रोज़ालेज़ |
कुल: | अल्मेसीए |
वंश: | सेल्टिस (Celtis) |
जाति: | C. ऑस्ट्रालिस |
द्विपद नाम | |
सेल्टिस ऑस्ट्रालिस Celtis australis L. |
खरक या खर्ग या खिर्क या रोकू (honeyberry या hackberry) एक पतझड़ी वृक्ष है जो २० से २५ मीटर तक उग सकता है।[1][2] यह रेतीली ज़मीन में और समशीतोष्ण (टेम्परेट) इलाक़ों में तेज़ी से उगता है। इसका निवास क्षेत्र भारत, पाकिस्तान, तुर्की, बाल्कन क्षेत्र, इटली और फ़्रांस है, हालांकि यह दुनिया की अन्य जगहों पर भी फैल गया है। इसे पंजाबी भाषा में ब्रमजी और कश्मीरी भाषा में ब्रिमिज भी कहा जाता है।[3] यह पेड़ छाया में नहीं उग सकता और केवल सूरज की सीधी रोशनी में ही पनपता है। भारत में यह हिमालय के मंझले क्षेत्रों में तो उगता ही है, लेकिन साथ ही साथ दिल्ली जैसे क्षेत्रों में भी मिलता है, हालांकि कुछ जीववैज्ञानिकों के अनुसार या वृक्ष दिल्ली की गर्मियों को नहीं झेल सकता और वहाँ मिलने वाला पेड़ 'सेल्टिस ऑस्ट्रालिस' (celtis australis) जाति का नहीं बल्कि उस से मिलती-जुलती 'सेल्टिस टेट्रान्ड्रा' (celtis tetrandra) जाति का है।[4]
इस्तेमाल
[संपादित करें]यह एक सुन्दर पेड़ है और सूखा व बारिश दोनों सहन कर लेता है, इसलिए इसे अक्सर सजावटी कारणों से लगाया जाता है। इसका छोटा और मीठा फल कच्चा खाया जा सकता है और पकाया भी जा सकता है। इसके पत्तों और फलों का उबाला देकर छाना गया पानी पेट के दर्द, दस्तों और स्त्रियों में मासिक धर्म से सम्बंधित शिकायतों के लिए लाभदायक माना जाता है। वृक्ष की छाल से एक पीला रंग भी उपलब्ध होता है। इसकी लकड़ी सख़्त और टिकाऊ होती है और इसकी टहनियों को कुछ बूढ़े लोग चलने की छड़ियों के लिए भी प्रयोग करते हैं।[5]
चित्रदीर्घा
[संपादित करें]-
C. australis, Fox-Amphoux, France, planted 1550
-
C. australis in Panchkhal VDC, Nepal
-
Flower of C. australis
-
C. australis autumn leaves
-
C. australis Muntic, Croatia, planted in the early 16th century.
-
Celtis australis
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Gazetteer of the Kangra District, Great Britain India Office, Printed by Calcutta Central Press Company, 1883, ... Khark (Celtis Australis) ...
- ↑ Celtis australis (Ulmaceae): Nettle Wood, Brimji Archived 2013-09-27 at the वेबैक मशीन, .. English (the honeyberry tree, European hackberry, hackberry, nettle tree, mediterranean hackberry); French (micocoulier); German (Zurgelbaum); Hindi (ku, batkar, khark, khirk, roku); Italian(perlaro, bogolaro); Nepali (khari); Spanish (alneez,lodono); Trade name (nettle wood, brimji) ..
- ↑ The Cross Name Index to Medicinal Plants, Anthony R. Torkelson, pp. 1682, CRC Press, 1995, ISBN 978-0-8493-2635-6, ... Celtis australis ... bramji (Punjab), brimij (Kashmir), Khark (Almora) ...
- ↑ Trees of Delhi: A Field Guide, Pradip Krishen, pp. 334, Penguin Books India, 2006, ISBN 978-0-14-400070-8, ... There is some confusion about the identity of the Celtis cultivated in Delhi. Most nurseries ... call it Celtis australis ... Everything I have read about Celtis australis suggests it is most unlikely to tolerate Delhi's scorching summers. Celtis tetrandra ... seems much more likely to be the species that we see in Delhi ...
- ↑ Nature Guide: Trees, Tony Russell, pp. 137, Penguin, 2012, ISBN 978-0-7566-9861-4, ... Celtis australis (Ulmaceae): Southern Nettle Tree ... planted for ornamental purposes ... sweet and edible fruit can be eaten raw or cooked. Both leaves and fruit are believed to have some medicinal properties ...