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खगोलीय ध्रुव

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पृथ्वी के अक्ष को अगर बढ़ा दिया जाए तो जहाँ वह खगोलीय गोले को काटता है वहीं खगोलीय ध्रुव पड़ता है

खगोलीय ध्रुव (celestial pole) आकाश में दो काल्पनिक बिन्दुओं को कहा जाता है जहाँ पृथ्वी के घूर्णन (रोटेशन) का अक्ष पृथ्वी के इर्द-गिर्द बने काल्पनिक खगोलीय गोले को काटता है। यानि अगर यह कल्पना की जाए कि पूर्वी पृथ्वी एक महान गोले के ठीक बीच में स्थित है और उस गोले की अन्दर की तरफ़ आसमान में दिखने वाले सभी तारे चिपके हुए हैं, तो पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर अगर सीधा सिर के ऊपर देखा जाए तो वहाँ उस खगोलीय गोले का 'खगोलीय उत्तरी ध्रुव' दिखेगा। इसी तरह अगर पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव पर खड़ा हुआ जाए तो सिर के बिलकुल ऊपर खगोलीय गोले पर दिखने वाला बिंदु 'खगोलीय दक्षिणी ध्रुव' होगा।[1]

खगोलीय ध्रुवों के पास स्थित तारे

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रात में ध्रुव तारा उत्तरी खगोलीय ध्रुव के बहुत समीप पड़ता है जबकि ऑक्टैन्ज़​​ तारामंडल का धुंधला-सा दिखने वाला सिग्मा ऑक्टैनिस​ तारा दक्षिणी खगोलीय ध्रुव के पास पड़ता है।[2]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Horizons: Exploring the Universe, Michael Seeds, Dana Backman, pp. 18, Cengage Learning, 2011, ISBN 978-1-111-43020-7, ... The apparent pivot points are the north celestial pole and the south celestial pole located directly above Earth's north and south poles. Halfway between the celestial poles lies the celestial equator ...
  2. Astronomy with a Home Computer, Neale Monks, pp. 65, Springer, 2005, ISBN 978-1-85233-805-3, ... the northern celestial pole ... corresponds almost exactly to the position of the bright star Polaris ... there are no bright stars so close to southern celestial pole, only a relatively dim star, Sigma Octanis ...