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आरिक़ बोके

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आरिक़ बोके (मंगोल: Аригбөх, आरिगबोख़; अंग्रेज़ी: Ariq Böke; १२१९ – १२६६) मंगोल साम्राज्य से संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पोता और उसके सबसे छोटे बेटे तोलुइ ख़ान का सबसे छोटा पुत्र था। उसकी माता सोरग़ोग़तानी बेकी (तोलुइ ख़ान की पत्नी) ने उसे और उसके भाइयों को बहुत निपुणता से पाला। उसका बड़ा भाई मोंगके ख़ान कुछ अरसे के लिए साम्राज्य का ख़ागान (सबसे बड़ा ख़ान शासक) रहा। जब १२५९ में मोंगके की मृत्यु हो है तो उसके दोनों बड़े भाई हलाकु ख़ान और कुबलई ख़ान मंगोल गृहभूमि से अनुपस्थित थे और आरिक़ बोके ने शासन की बागडोर संभाली। १२६० में नए ख़ागान के चुनाव के लिए कुबलई मंगोलिया वापस आया तो राजसम्बन्धी दो खेमों में बाँट गए - एक आरिक़ बोके की तरफ़दारी करने लगा और तो दूसरा कुबलई ख़ान की। मंगोल गृहयुद्ध छिड़ गया, जिसमें मंगोल साम्राज्य की पुरानी प्रथाओं के समर्थकों ने आरिक़ बोके का साथ दिया जबकि मंचूरिया और उत्तर चीन के राजकुंवरों ने कुबलई ख़ान का। अंत में आरिक़ बोके की हार हुई और उसने कुबलई ख़ान के आगे हथियार डाल दिए। कुबलई ख़ान ने भाई होने के नाते आरिक़ बोके का जीवन तो बख़्श दिया लेकिन उसके साथियों को मार डाला। इसके बाद कुबलई ने बिना किसी रोकटोक के मंगोल साम्राज्य के पाँचवे ख़ागान के रूप में राज किया।[1][2]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Focus on World History: The Era of Expanding Global Connections: 1000-1500, Kathy Sammis, Walch Publishing, 2002, ISBN 978-0-8251-4369-4, ... As a widow, Sorqoqtani cared for and protected her sons, their children and grandchildren, and the great princes and soldiers who had served Chinggis Khan and Tolui Khan and were now attached to her sons ...
  2. The role of women in the Altaic world: Permanent International Altaistic Conference, 44th meeting, Walberberg, 26-31 अगस्त 2001, Otto Harrassowitz Verlag, 2007, ISBN 978-3-447-05537-6, ... After the death of Tolui Khan in the 1 3th century, his queen, Sorqaytani ruled alone for a short period ...