राजनीति एक प्रक्रिया है जिसमें जनता अथवा आम कार्रवाई के लिए सहमति बनायी जाती है अथवा इसमें वृद्धि की जाती है। राजनीति को दूसरे शब्दों में समूह की निर्णय-लेने का व्यवहार है। यद्यपि यह सामान्यतः सरकारों पर लागू होता है, राजनैतिक व्यवहार निगमित, शैक्षिक, धार्मिक और अन्य संस्थानों में प्रेक्षित किया जाता है। राजनैतिक व्यवहार और शक्ति का अधिग्रहण एवं अनुप्रयोग अथवा किसी एक की इच्छा को अन्यों पर लागू करने की क्षमता का अध्ययन राजनीति विज्ञान विषय में किया जाता है। इसके विद्वानों को राजनैतिक पंडित कहा जाता है।
राष्ट्रकुल, या राष्ट्रमण्डल देश (अंग्रेज़ी:कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस) (पूर्व नाम ब्रितानी राष्ट्रमण्डल), ५४ स्वतंत्र राज्यों का एक संघ है जिसमे सारे राज्य ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे (मोज़ाम्बीक और स्वयं यूनाइटेड किंगडम को छोड़ कर)। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना है। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्रत्येक चार वर्ष में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और बैठक में भाग लेती हैं। इसकी स्थापना १९३१ में हुई थी, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप १९४७ में भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद निश्चित हुआ। राष्ट्रमंडल देशों का कोई संविधान या चार्टर नहीं है। इसके प्रमुखों की प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत सहित एंटीगुआ, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, कनाडा, साइप्रस, घाना आदि इसके सदस्य हैं। लंदन घोषणा के तहत ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय राष्ट्रमंडल देशों के समूह की प्रमुख होती हैं। राष्ट्रमंडल सचिवालय की स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके महासचिव मुख्य कार्यकारी के तौर पर काम करते हैं। अधिक पढ़ें…
निकिता सरगेयेविच ख़्रुश्चेव (रूसी: Никита Сергеевич Хрущёв, जन्म : १५ अप्रैल१८९४, देहांत:११ सितम्बर१९७१) शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता थे। १९५३ से १९६४ में वह सोवियत साम्यवादी पार्टी के प्रथम सचिव रहे और फिर १९५८ से १९६४ तक सोवियत संघ के प्रधान मंत्री रहे। उनके काल में भूतपूर्व सोवियत तानाशाह जोसेफ़ स्टालिन की कुछ नीतियाँ हटाई गई, राजनैतिक और आर्थिक मामलों कुछ खुलापन लाया गया और सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा दिया गया। उन्ही के शासनकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच क्यूबाई मिसाइल संकट नामक घटना भी हुई जो कुछ समीक्षकों के अनुसार शीत युद्ध का सबसे ख़तरनाक मोड़ था। साधारण नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने के लिए उन्होने बहुत सी नीतियाँ अपनाई लेकिन वह ज़्यादातर विफल रहीं, मसलन कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए चलाया गया नई भूमि अभियान। १९६४ में उनके साम्यवादी पार्टी के साथियों ने उन्हें अध्यक्षता से हटा दिया और उनके स्थान पर लियोनिद ब्रेझ़नेव महासचिव की कुर्सी पर और अलिक्सेय कोसिगिन प्रधान मंत्री की जगह बैठे। उसके बाद उनकी कोई राजनैतिक भूमिका नहीं रही और १९७१ को उनका दिल के दौरे से देहांत हो गया। अधिक पढ़ें…