नहीं छोड़ूंगा सत्ता, षड्यंत्रकारियों से अंत तक लडूंगा'; दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ को क्यों बताया जरूरी?
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने देश में मार्शल ला लागू करने का बचाव किया। राष्ट्रपति यून ने कहा है कि उनका त्यागपत्र देने को कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं देश की सरकार को पंगु बनाने की कोशिश करने और संविधान को बाधित करने वालों से अंत तक लड़ूंगा। विपक्ष मार्शल लॉ को विद्रोह कह कर राष्ट्रपति के त्यागपत्र की मांग कर रहा है।
एपी, सियोल। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने देश में मार्शल लॉ लागू करने का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह शासन का एक कार्य था, इसमें विद्रोह जैसा कुछ नहीं था। विपक्ष मार्शल लॉ को विद्रोह कह कर राष्ट्रपति के त्यागपत्र की मांग कर रहा है।
राष्ट्रपति यून ने कहा है कि उनका त्यागपत्र देने को कोई इरादा नहीं है। कहा, मैं देश की सरकार को पंगु बनाने की कोशिश करने और संविधान को बाधित करने वालों से अंत तक लड़ूंगा।
इस बीच, मार्शल लॉ लागू करने में भूमिका निभाने के आरोप में राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख चो जी हो और न्याय मंत्री पार्क सुंग जे के विरुद्ध महाभियोग चलाने को लेकर नेशनल असेंबली ने गुरुवार को मतदान कर दोनों को उनके कर्तव्यों से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया।
राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव रहा था विफल
दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक पार्टी समेत देश के छह विपक्षी दलों ने मार्शल ला की घोषणा पर राष्ट्रपति यून सुक येओल पर महाभियोग चलाने के लिए एक नया संयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। शनिवार को राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव विफल रहा था। इससे पहले राष्ट्रपति यून ने कहा, विपक्ष राजनीति कर रहा है और अराजकता पर उतारू है। वह लोकतांत्रिक रूप से चयनित राष्ट्रपति को हटाने का षड्यंत्र कर रहा है।
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