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    98 लाख की ठगी का खुलासा: डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट से हुई थी जालसाजी, सरगना ने बताई पूरी कहानी; सुनकर चकराई पुलिस

    वाराणसी में एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल अनुज कुमार यादव से 98 लाख रुपये की ठगी करने वाले 9 साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से साढ़े सात लाख रुपये दो कार 14 मोबाइल नौ एटीएम कार्ड लैपटाप सिमकार्ड आदि मिले। गिरफ्तार होने वाले ठग गिरोह का सरगना भी शामिल है। पुलिस अभी पूर्व सैन्य अधिकारी को काल करने वाले तक नहीं पहुंच सकी है।

    By devendra nath singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 14 Dec 2024 12:42 PM (IST)
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    पकड़े गए साइबर ठगों (मास्क लगाए) के बारे में जानकारी देते डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार
    जागरण संवाददाता, वाराणसी। डिजिटल अरेस्ट करके सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट अनुज कुमार यादव से 98 लाख रुपये की ठगी करने वाले नौ साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया इनके पास से साढ़े सात लाख रुपये, दो कार, 14 मोबाइल, नौ एटीम कार्ड, लैपटाप, सिमकार्ड आदि मिले। गिरफ्तार होने वाले ठग गिरोह का सरगना भी शामिल है। पुलिस अभी पूर्व सैन्य अधिकारी को काल करने वाले तक नहीं पहुंच सकी है।

    पकड़े गए ठगों के बारे में डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि बीते मूलरूप से बलिया के मरगूपुर के रहने वाले अनुज कुमार यादव सारनाथ थाना क्षेत्र के माधव नगर कालोनी में मकान बनवाकर रहते हैं। उन्होंने बीते चार दिसंबर को पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि बीते 11 नवंबर को सुबह 11 बजे उनके मोबाइल पर काल आई।

    काल करने वाले ने बताया कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में आ गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की निगरानी खुद पूर्व मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। इसके बाद एक व्यक्ति ने उसने पूर्व मुख्य न्यायाधीश बनकर बात की।

    एक व्यक्ति ने सीबीआई चीफ बनकर व्हाट्सएप वीडियो कालिंग के जरिए कई बार बात की। केस से नाम हटाने के लिए पूर्व सैन्य अधिकारी के पास मौजूद रुपयों की जांच करने की बात कही और कुछ बैंक खाते बताकर रुपये भेजने को कहा।

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    धमकी दिया कि इस मामले की जानकारी किसी को देेने पर नरेश गोयल के शूटर उनकी पत्नी रीना यादव की हत्या कर देंगे। भयभीत अनुज कुमार यादव ने कई बार में 98 लाख रुपये साइबर ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिया। मामले की जांच के लिए पुलिस की चार टीमों बनाई गई थीं।

    टीम ने रुपयों जिन बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए थे उनके ट्रेस करना शुरू किया तो चौंक गई। ज्यादातर बैंक खाते बनारस व आसपास के जिलों के हैं। पुलिस खाता धारकों तक पहुंची तो जानकारी मिली कि सीतापुर गौशालापुरवा निवासी संदीप कुमार ने कुछ स्थानीय युवकों की जरिए बैंक खाते खुलवाए और उनके जरिए संचालित कर रहा है।

    युवक पूर्व सैनिक के साथ ठगी से हासिल रुपये भी निकाल रहे हैं। साइबर थाना प्रभारी विजय नारायण सिंह, इंस्पेक्टर राजकिशोर पांडेय, विपिन कुमार विजय कुमार यादव हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, गोपाल चौहान की टीम ने ने संदीप कुमार के साथ चंदौली के चकिया निवासी अभिषेक जायसवाल, मीरजापुर के हातीपुर निवासी विकास सिंह, मगरहा के कुणाल सिंह पटेल, फूलहा के हर्ष मिश्रा, खानपुर के नितिन सिंह, बेलबीर के मो. आदिल खान, जौनपुर के लालपुर निवासी संजय यादव, वाराणसी के दुर्गाकुंड के कबीर नगर कालोनी निवासी इकबाल खान को गिरफ्तार कर लिया।

    विदेश भागने की फिराक में था सरगना

    सीतापुर का रहने संदीप साइबर ठगी गिरोह का सरगना है। उसने पूर्व सैनिक के साथ ठगी में हासिल रुपये बैंक खातों में भेजने और उसे निकालने या सेटल करने का काम कर रहा था। उसके इशारे पर ही गिरफ्तार युवकों ने बैंक खाते खुलवाए और रुपये निकलवाए। वह साढ़े सात लाख रुपये लेकर विदेश भागने की फिराक में था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    बच गए लोन लेकर दिए गए रुपये

    सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी अनुज कुमार यादव ने साइबर ठगों के कहने पर अपने भारतीय स्टेट बैंक की कचहरी मुख्य शाखा के खाते और फिक्स डिपोजिट के सारे रुपये ठगों के बताए गए एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद तीन दिसंबर को साढ़े सात लाख रुपये लोन लेकर साइबर ठगों को भेज दिया। अगले दिन मुकदमा दर्ज होने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने इन रुपयों को साइबर ठगों के हाथों में जाने से बचा लिया।

    काल करने वाले तक नहीं पहुंच सकी पुलिस

    पूर्व सैन्य अधिकारी के साथ साइबर ठगी में शामिल नौ ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अभी तक पूर्व मुख्य न्यायाधीश, पुलिस व सीबीआइ चीफ बनकर बात करने वालों तक नहीं पहुंच पाई है। ठगों ने उन्हें फोन काल वर्चुअल वाइस कालिंग एप के जरिए किया था। इसलिए पुलिस को उन तक पहुंचने में हो रही दिक्कत।

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    कुशीनगर से मिला पुलिस को सुराग

    पूर्व सैनिक के साथ साइबर ठगी करने वालों का सुराग पुलिस को कुशीनगर से मिला। यहां रहने वाले आशीष ने पुलिस को सूचना दी थी कि संदीप ने उसका बैंक खाता खुलवाया था। उसे बताया था कि इसमें रुपये डालकर सिविल स्कोर बेहतर कर देगा जिससे उसे भविष्य में लोन आदि लेने में सहूलियत होगी। पूर्व सैन्य अधिकारी से ठगी करके हासिल रुपये इसके बैंक खाते में भी गए थे।

    इन रुपयों को अभिषेक व कुणाल नेट बैंकिंग के जरिए ट्रांसफर कर रहे हैं। पुलिस अभिषेक व कुणाल के पास पहुंची फिर विकास पटेल को पकड़ा। सभी ने बताया कि संदीप उन्हें बैंक खाता खुलवाने और रुपये निकालने के लिए अच्छा-खासा कमीशन देता है।

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