रेवाड़ी में हुई हल्की बूंदाबांदी, सर्दी में इन बातों का रखें विशेष ध्यान; पढ़ें क्या कहते हैं डॉक्टर
हरियाणा के रेवाड़ी में सोमवार यानी आज सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। अगर बारिश होती है कि तो ठंड और ज्यादा बढ़ जाएगी। मौसम विभाग का मानना है कि इस समय की बारिश फसलों के लिए फायदेमंद होगी। लेकिन ओलावृष्टि हुई तो फसलों को नुकसान भी हो सकता है। आगे जानिए कि सर्दी में किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में सोमवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी के साथ शुरुआत हुई। हालांकि, रुक-रुककर छिटपुट होने से वातावरण में बहुत ज्यादा नमी की स्थिति नहीं है, लेकिन कंपकपी सर्दी से राहत मिली है। सोमवार को न्यूनतम तापमान बढ़कर नौ डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जबकि रविवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस था। इससे पहले शनिवार को न्यूनतम तापमान साढ़े छह तो अधिकतम 22.2 डिग्री सेल्सियस था।
सोमवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। धूप नहीं निकली है। मौसम विभाग ने रविवार देर शाम को मौसम में बदलाव की संभावना जताई थी। अभी तक इस सीजन में बूंदाबांदी या वर्षा नहीं हुई है। इसलिए शुष्क सर्दी पड़ रही है। अब मौसम में बदलाव होने की संभावना है।
बूंदाबांदी का मिलेगा फायदा
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसलों के लिए अभी मौसम अनुकूल है। बूंदाबांदी या वर्षा होने से फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगा। ओलावृष्टि नहीं होती है तो वर्षा और बूंदाबांदी का फायदा ही मिलेगा। इस सीजन में अभी तक वर्षा या बूंदाबांदी नहीं हुई थी। सोमवार को मौसम में बदलाव होने से वर्षा और बूंदाबांदी के आसार बने हुए हैं।दिन में गर्मी और रात में कड़कों की ठंड
दिसंबर माह जैसे-जैसे बीतने जा रहा है वैसे ही जिले में सर्दी का प्रकोप बढ़ने लगा है। शनिवार रात का तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठिठुरन बढ़ने से लोगों को बुरा हाल हो गया है। रात में ठंड का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में भी ठंड का प्रकोप बढ़ने की उम्मीद है।हालांकि, दिन में धूप में तेजी से लोगों को राहत मिलती है, लेकिन दिन में धूम देखकर लोग रात की सर्दी के प्रति लापरवाह रहते हैं। यहीं लापरवाही बीमारी का कारण बन जाती है। मौसम के बदलाव से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। सबसे ज्यादा सर्दी, जुकाम, बुखार और हृदय रोगी अस्पताल पहुंच रहे हैं।
यह भी पढ़ें- गजब हाल: दिल्ली में वोट बैंक की राजनीति का शिकार हुआ 'स्वच्छ भारत मिशन', चौंका देगी रिपोर्टबता दें कि बदलता मौसम श्वास, दमा, ब्लड प्रेशर, हृदय के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। अस्पतालों में धीरे-धीरे ऐसे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जो मौसमी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। सर्दी जुकाम के अलावा खांसी से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे अधिक है।
यह भी पढ़ें- BJP का मास्टर प्लान: झुग्गी वासियों का मन बदल रहे कार्यकर्ता और नेता; AAP की बढ़ाई टेंशनइसके अलावा बदन दर्द, जोड़ों का दर्द और सांस फूलने से परेशान मरीज भी आ रहे हैं। नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या पर गौर करें तो रोजाना पांच से आठ सौ तक मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें तीन सौ से लेकर पांच सौ मरीज सर्दी जुकाम के ही निकल रहे हैं।
उधर, अस्थमा, दमा, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, सांस फूलने और सीने में दर्द के मरीजों की संख्या भी कम नहीं हो रही है। इसके साथ ही एक दिन में 15 से 20 मरीज हृदय रोग से संबंधित पहुंच रहे हैं। ऐसे में हृदय रोगियों को सबसे अधिक खतरा है।
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चिकित्सकों के मुताबिक, हृदय के मरीज को जहां ठंड से बचाव की जरूरत है। वहीं, चिकनाई युक्त भोजन मना कर दिया जाता है। नमक की मात्रा बहुत कम कर दी जाती है। मछली, मांस, शराब, बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू पर पूर्णतया रोक लगा दें। यह मरीज के लिए लाभदायक सिद्घ होगा। इसके सेवन से मरीज की हालत और बिगड़ सकती है।इस प्रकार करें बचाव
सर्दी में लापरवाही कतई न बरतें। सर्दी से बचाव को गर्म कपड़े पहनें, गर्म पानी पिएं और गर्म भोजन खाएं, ठंडी चीजों का इस्तेमाल का न करें, सर्दी-जुकाम होने पर भी डाक्टर की सलाह लें, पेट में गैस की शिकायत पर तुरंत दवा लें और मुंह पर मास्क या कपड़ा रख कर निकलें।क्या कहते हैं चिकित्सक
ठंड में हार्टअटैक का खतरा अधिक रहता है। बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द आदि के मरीजों की संख्या में इजाफा होता है। ऐसे में लोगों को ठंड से बचाव की जरूरत है। सीने में जरा सा भी दर्द हो तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर दवा लें। गर्म पानी पिएं, सुबह शाम गर्म कपड़े ही पहनकर निकलें, तो सर्दी के साथ बीमारियों से बचा जा सकता है। - डॉ. गौरव यादव, फिजिशियन