दीक्षाभूमि
दीक्षाभूमि | |
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दीक्षाभूमी | |
पवित्र दीक्षाभूमि | |
सामान्य विवरण | |
प्रकार | धम्म और ऐतिहासिक स्मारक |
वास्तुकला शैली | स्तूप |
स्थान | नागपुर, महाराष्ट्र, भारत |
पता | मध्य नागपुर[1] |
निर्देशांक | 21°7′41″N 79°4′1″E / 21.12806°N 79.06694°E |
निर्माणकार्य शुरू | जुलाई 1978 |
उद्घाटन | 18 दिसंबर, 2001 |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | Sheo Dan Mal |
दीक्षाभूमि भारत में बौद्ध धम्म का एक प्रमुख केन्द्र है। यहाँ बौद्ध धम्म की पुनरूत्थान हुआ है। महाराष्ट्र राज्य की उपराजधानी नागपुर शहर में स्थित इस पवित्र स्थान पर बोधिसत्त्व परमपूज्य डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने 14 अक्टूबरसम्राट अशोक विजयादशमी के दिन 1956 को पहले महास्थविर चंद्रमणी से बौद्ध धम्म दीक्षा लेकर अपने 5,00,000 (५ लाख ) से अधिक अनुयायिओं को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी थी। त्रिशरण, पंचशील और अपनी 22 प्रतिज्ञाएँ देकर डॉ॰ आंबेडकर ने दलितों का धर्मपरिवर्तन किया। अगले दिन फिर 15 अक्टूबर को 2,00,000 (२ लाख ) से अधिक लोगों को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी और स्वयं भी फिर से दीक्षीत हुए। देश तथा विदेश से हर साल यहाँ 25 लाख से अधिक आंबेडकरवादी और बौद्ध अनुयायी आते हैं। हर साल 14 अक्टूबर को यहाँ हजारों की संख्या में लोग बौद्ध धम्म की दीक्षा लेते है, परावर्तित होते रहते हैं। यहां 14 अक्टूबर 2015 में 50,000 दीक्षीत हुए हैं। 14 अक्टूबर 2016 में 20,000 और 25 अक्टूबर 2016 को मनुस्मृति दहन दिवस के उपलक्ष में 5,000 ओबीसी लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है।[2][3]
महाराष्ट्र सरकार ने दीक्षाभूमि को 'अ' वर्ग ('ए' क्लास) पर्यटन क्षेत्र का दर्जा दिया है। नागपुर शहर के सभी धार्मिक व पर्यटन क्षेत्रों में यह पहला स्थल है, जिसे 'ए' क्लास का दर्जा प्राप्त हुआ है।[4]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Keer, Dhananjay (1954). Dr. Ambedkar: Life and Mission (मराठी में).
- ↑ "14 अक्टूबर 2016 को 20,000 लोगों ने ली थी धम्मदीक्षा". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.
- ↑ "5000 ओबीसी बने बौद्ध". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.