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"फ़रात नदी": अवतरणों में अंतर

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'''फ़रात नदी''' ([[अरबी भाषा|अरबी]]: الفرات‎ [[तुर्की भाषा|तुर्क]]: ''Fırat'') दक्षिणपश्चिम [[एशिया]] की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। [[दजला नदी]] के साथ मिलकर यह [[मेसोपोटामिया]] की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी [[तुर्की]] में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - [[सीरिया]] और [[इराक]] में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और [[फ़ारस की खाड़ी]] में गिरती है।
'''फ़रात नदी''' ([[अरबी भाषा|अरबी]]: الفرات‎ [[तुर्कीयाई भाषा|तुर्क]]: ''Fırat'') दक्षिणपश्चिम [[एशिया]] की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। [[दजला नदी]] के साथ मिलकर यह [[मेसोपोटामिया]] की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी [[तुर्किये]] में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - [[सीरिया]] और [[इराक़|इराक]] में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और [[फ़ारस की खाड़ी]] में गिरती है।
इसका ज़िक्र बाइबल और क़ुरआन दोनों मे मिलता है कि के बाइबल के प्रकाशितवाकय अद्धाए 15 मे मिलता है
इस नदी का पानी जब सूख जाएगा और इसमें से सोने निकलेगा । इतना सोना निकलेगा की सोने का पहाड़ बनजाएगा तब क़यामत बहुत नज़दीक होगी ( हदीस) ( इस्लाम द्वारा मान्यता)
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[[श्रेणी:विश्व की नदियाँ]]

08:46, 22 जुलाई 2024 के समय का अवतरण

फ़रात नदी (अरबी: الفرات‎ तुर्क: Fırat) दक्षिणपश्चिम एशिया की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। दजला नदी के साथ मिलकर यह मेसोपोटामिया की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी तुर्किये में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - सीरिया और इराक में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और फ़ारस की खाड़ी में गिरती है। इसका ज़िक्र बाइबल और क़ुरआन दोनों मे मिलता है कि के बाइबल के प्रकाशितवाकय अद्धाए 15 मे मिलता है इस नदी का पानी जब सूख जाएगा और इसमें से सोने निकलेगा । इतना सोना निकलेगा की सोने का पहाड़ बनजाएगा तब क़यामत बहुत नज़दीक होगी ( हदीस) ( इस्लाम द्वारा मान्यता)