राजभाषा
राजभाषा का शाब्दिक अर्थ - राज काज की भाषा है संविधान में "राजभाषा" और "राजभाषाओं" शब्द का ही प्रयोग हुआ है। "राष्ट्रभाषा" का उल्लेख संविधान में नहीं है। अष्टम अनुसूची में भी भाषाओं को राज्य की राजभाषा कहा गया हो। राष्ट्रभाषा शब्द का हर कोई अपना मतलब निकालता है। कहीं भी इसकी अधिकारिक परिभाषा नहीं है।
राजभाषा
संपादित करेंबोली भाषा की छोटी इकाई है। इसका सम्बन्ध ग्राम या मण्डल से रहता है। इसमें प्रधानता व्यक्तिगत बोली की रहती है और देशज शब्दों तथा घरेलू शब्दावली का बाहुल्य होता है। यह मुख्य रूप से बोलचाल की ही भाषा है। अतः इसमें साहित्यिक रचनाओं का प्रायः अभाव रहता है। व्याकरणिक दृष्टि से भी इसमें असाधुता होती है।
विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा विस्तृत होता है यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। एक विभाषा में स्थानीय भेदों के आधार पर कई बेलियाँ प्रचलित रहती हैं। विभाषा में साहित्यिक रचनाएँ मिल सकती हैं।
भाषा, अथवा कहें परिनिष्ठित भाषा या आदर्श भाषा, विभाषा की विकसित स्थिति हैं। इसे राष्ट्र-भाषा या टकसाली-भाषा भी कहा जाता है।
प्रायः देखा जाता है कि विभिन्न विभाषाओं में से कोई एक विभाषा अपने गुण-गौरव, साहित्यिक अभिवृद्धि, जन-सामान्य में अधिक प्रचलन आदि के आधार पर राजकार्य के लिए चुन ली जाती है और उसे राजभाषा के रूप में या राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाता है।
राज्यभाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा
संपादित करेंकिसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाषा कहते हैं। यह भाषा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्र इस भाषा को महत्त्व प्राप्त रहता है।
भारतीय संविधान में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए हिन्दी के अतिरिक्त 21 अन्य भाषाएँ राजभाषा स्वीकार की गई हैं। संविधान की अष्टम अनुसुचि में कुल 22 भारतीय भाषाओं स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यों की विधानसभाएँ बहुमत के आधार पर किसी एक भाषा को अथवा चाहें तो एक से अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राज्यभाषा घोषित कर सकती हैं।
राष्ट्रभाषा सम्पूर्ण राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती है। प्राय: वह अधिकाधिक लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा होती है। प्राय: राष्ट्रभाषा ही किसी देश की राजभाषा होती है। भारत में 22 भारतीय भाषाएँ राष्ट्रभाषाएँ मानी जाती है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- राजभाषा हिन्दी (गूगल पुस्तक ; लेखक - भोलानाथ तिवारी)
- हिंदी: ‘राजभाषा’ उपाधि की सार्थकता – हिंदीविरोध एवं राजभाषा अधिनियम, 1963 (हिन्दी तथा कुछ और, हिन्दी ब्लाग)
- राजभाषा हिन्दी : विवेचना और प्रयुक्ति (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ किशोर वासवानी)
- राजभाषा सहायिका (गूगल पुस्तक ; लेखक - अवधेश मोहन गुप्त)
- भारत सरकार का राजभाषा विभाग
- संसदीय राजभाषा समिति
- राजभाषा विकास परिषद